मध्य प्रदेश विधानसभा में जनजातीय कार्य, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विपक्ष ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया। स्थिति यहाँ तक पहुँच गई कि अध्यक्ष को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
दरअसल, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने गैस त्रासदी एवं पुनर्वास विभाग को लेकर प्रश्न लगाया था। इसका जवाब देने के लिए मंत्री विजय शाह उपस्थित हुए। जैसे ही विजय शाह जवाब देने के लिए उठने लगे तो कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करने के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस विधायक सदन के गर्भगृह तक पहुंच गए।
इसके बाद सभी विपक्षी सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे और फिर आसन के सामने आ गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने दोनों पक्षों के विधायकों से शांत रहने की अपील की। लेकिन जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस विधायकों ने कहा "जिस प्रकार से विजय शाह ने सेना की अफसर के खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल किया, ये बीजेपी की मानसिकता को दर्शाता है। क्या महिलाओं का अपमान और सेना की महिला अधिकारी को आतंकी की बहन कहने वाले लोग सदन में रहने के लायक हैं। क्यों नहीं अब तक सरकार ने विजय शाह के इस्तीफे पर निर्णय लिया।" प्रतिपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा "सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है विजय शाह सार्वजनिक माफी मांगें। फिर भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार को शर्म नहीं आती। कांग्रेस विधायक दल की मांग है कि मंत्री विजय शाह को बर्खास्त किया जाए। ऐसा नेता सदन के अंदर नहीं होना चाहिए।"
इस बीच सत्ता पक्ष की ओर से भी नारेबाजी होने लगी। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जो लोग सेना का अपमान करते हैं, वे सेना के सम्मान की बात कर रहे हैं। वे पाकिस्तान और चीन का समर्थन करते हैं। इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से भी नारेबाजी होने लगी। कुछ देर बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इस बीच, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सदन में मौजूद रहे।
आपको बता दें, कि मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही 4 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है।