जंगल महकमे में प्रशासनिक अराजकता और बेलगाम होते अफसर, अब करने लगे मनमानी


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स्टोरी हाइलाइट्स

गड़बड़ी करने वाले अफसरों के विरुद्ध समय पर और सख्त कार्यवाई नहीं होने से अफसर बेलगाम होते जा रहें हैं, ताज़ा मामला दक्षिण सिवनी वन मंडल के एसडीओ योगेश पटेल का है..!!

भोपाल: जंगल महकमे में प्रशासनिक अराजकता का वातावरण बनने लगा है। गड़बड़ी करने वाले अफसरों के विरुद्ध समय पर और सख्त कार्यवाई नहीं होने से अफसर बेलगाम होते जा रहें हैं। ताज़ा मामला दक्षिण सिवनी वन मंडल के एसडीओ योगेश पटेल का है। एसडीओ पटेल ने वन कर्मचारियों के साथ-साथ महिलाओं को भी मानसिक रूप से प्रताड़ित करते आ रहें है। इस कोई कार्रवाई नहीं होने पर पिछले महीने उसने डीएफओ की अनुमति के बिना उनके पदनाम की आधिकारिक मुद्रा का उपयोग कर तबादला आदेश तक जारी कर दिया। 

दक्षिण सामान्य वन मंडल सिवनी में पदस्थ सहायक वनमंडल अधिकारी युगेश पटेल पर विभागीय नियमों का उल्लंघन करने और पद का दुरुपयोग करने का मामला सार्वजनिक हुआ है। इस संबंध में वन संरक्षक, वृत सिवनी मधु वी राज ने डीएफओ को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है और डीएफओ गौरव मिश्रा को अब एसडीओ राकेश गुरुदेव की रिपोर्ट का इंतजार है। 

अब एसडीओ गुरुदेव की रिपोर्ट आने बाद आगे की कार्यवाही तय की जाएगी। जानकारी के अनुसार, एसडीओ युगेश पटेल ने वनमंडलाधिकारी (आईएफएस) गौरव मिश्र की पूर्व अनुमति के बिना ही उनके पदनाम की आधिकारिक मुद्रा पर 'फॉर' लिखे बिना कई विभागीय पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे कई दस्तावेज संज्ञान में आए हैं। वन विभाग के प्रशासनिक नियमों के अनुसार, किसी भी अधीनस्थ अधिकारी को वरिष्ठ अधिकारी के पदनाम से आदेश या पत्र जारी करने के लिए लिखित अनुमति आवश्यक होती है। साथ ही ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते समय 'फॉर' अथवा 'अधिकारानुसार' लिखना अनिवार्य है।

पटेल का कृत्य सेवा आचरण नियम के विरुद्ध

वन विभाग सेवा आचरण नियम 1965 तथा 'मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत, वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति के बिना पदनाम का उपयोग या अधिकृत हस्ताक्षर अनुशासनहीनता और पद के दुरुपयोग की श्रेणी में आता है। सूत्रों के अनुसार, यह मामला विभागीय स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुका है और इसकी प्राथमिक जांच कराए जाने की संभावना जताई जा रही है। डीएफओ की पदमुद्रा पर एसडीओ द्वारा बिना फॉर लिखे हस्ताक्षर के मामले में प्रभारी वन संरक्षक सिवनी मधु वी. राज ने बताया कि मामला संज्ञान में आ चुका है। डीएफओ के पत्र का इंतजार है।  

रात में खाट की व्यवस्था रखना...

यूं तो एसडीओ पटेल पर मानसिक प्रताड़ना के कई गंभीर आरोप है। इसमें कार्य स्थल पर महिला प्रताड़ना जैसे संगीन आरोप है। एक महिला कर्मचारियों ने शपथ पत्र के साथ कहा है कि योगेश पटेल रात में अक्सर फोन करते हैं। हद तब हो गई जब रात में फोन कर पुछा कि घर में क्या-क्या समान है। रात में खटिया की व्यवस्था करके रखना, कभी-भी जरुरत पड़ सकती है। महिला प्रताड़ना की शिकायत अप्रैल 25 में संरक्षण शाखा में पदस्थ रहे पीसीसीएफ मनोज अग्रवाल से की थी। संरक्षण शाखा में पदस्थ एसडीओ ने अपने मित्र एसडीओ योगेश पटेल की गंभीर शिकायत को दबा दिया था। 

पटेल पर लगे आरोपों की सूची

निजी खसरों से मिलीभगत कर आम, अर्जुन, सागौन जैसी बहुमूल्य लकड़ी की कटाई में घनमीटर से अधिक मात्रा दर्शाकर फर्जी टी.पी. जारी की जा रही है।

घूसखोरी व दलालों से सांठगांठ

  • टी.पी. जारी करने के एवज में 20,000 प्रति घनमीटर की रिश्वत लेने की बात सामने आई है।
  • बजट राशि का दुरुपयोग और फर्जी लेबर पेमेंट।
  • वानिकी कार्यों में केवल 30-40% राशि खर्च कर बाकी पैसा भोपाल पहुंचाने का हवाला देकर भ्रष्टाचार का आरोप।

अजय जैन को अवैध वसूली का विरोध करने पर इतना मानसिक दबाव दिया गया कि उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और उनका स्वर्गवास हो गया।
इनका पद के दुरूपयोग के मामले में मैं जांच अधिकारी गुरुदेव की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूं। 

                                                                  गौरव मिश्रा, डीएफओ सिवनी दक्षिण

महिला समेत वन कर्मियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और डीएफओ की गैर मौजूदगी में स्थानांतरण आदेश करने के मामले में एक-दिन में रिपोर्ट डीएफओ को सबमिट कर दूंगा। 

                                                            राकेश गुरुदेव, जांच अधिकारी