स्टोरी हाइलाइट्स
हदीस‘ इस्लामी परिभाषा में इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद के पवित्र जीवन-आचरण और कथन को कहते हैं। इसका पूरा रिकार्ड पैग़म्बर के समकालीन विश्वसनीय पुरु...
‘मुहम्मद के सारे कथन, कार्य, गतिविधियाँ, पैग़म्बरी आदेश-निर्देश तथा क़ुरआन की आयतों की पैग़म्बर द्वारा की गई व्याख्याएं, हज़ारों की संख्या में प्राचीनकाल में ही लिपिबद्ध, संकलित वह संपादित कर ली गई थीं, जो आज कई भाषाओं में अनूदित हैं और हर जगह उपलब्ध हैं।
आप के परलोक, स्वर्ग, नरक से संबधित अनेकानेक कथनों में से कुछ को यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है:
1-‘‘क़ियामत के दिन बन्दा एक क़दम भी आगे न बढ़ा सकेगा, जब तक उससे पाँच बातों के बारे में जवाब न ले लिया जाए।
अपनी आयु किस तरह व्यतीत की
अपनी जवानी किस तरह बिताई।
माल कहाँ से कमाया?
माल कहाँ से ख़र्च किया?
जो ज्ञान उसने अर्जित किया उस पर कितना अमल किया? '
2-‘‘दरिद्र उसे माना जाता है जो बिल्कुल ही निर्धन हो। लेकिन मेरी उम्मत में अस्ल में दरिद्र वह है जो नमाज़, रोजा, इबादत-उपासना आदि का एक बड़ा भंडार लेकर परलोक में ख़ुदा की अदालत में इस तरह आएगा कि उसने किसी का हक़ मारा होगा, किसी को सताया होगा, गाली दी होगी, किसी पर ज़ुल्म किया होगा। न्याय का तकाज़ा पूरा करने के लिए अल्लाह उसकी नेकियाँ प्रभावित व मज़लूम लोगों को देता जाएगा, यहाँ तक कि उसकी नेकियाँ ख़त्म हो जाएँगी, वह पूरी तरह से दरिद्र हो जाएगा। फिर भी उसके हिसाब में उसके उपरोक्त कुकर्मों की मात्रा बाक़ी रह जाएगी, तो प्रभावित लोगों के पाप उसके खाते में डाले जाएँगे और फिर फ़रिश्तों को हुक्म दिया जाएगा कि उसे घसीटते हुए ले जाएँ और नरक में डाल दें।'
3-‘‘जिसने बेटियों पर बेटों को प्रमुखता न दी, बेटियों की हत्या न की, बल्कि उन्हें स्नेहपूर्वक पाला-पोसा, अच्छी शिक्षा-दीक्षा दी, अच्छे संस्कारों से सुसज्जित किया और अच्छा रिश्ता करके उनका घर बसा दिया, वह परलोक में मेरे साथ स्वर्ग में इस तरह रहेगा' फिर आपने हाथ की दो उंगलियाँ बिल्कुल क़रीब करके दिखाया।
4- उस व्यक्ति पर अल्लाह की लानत है जिसके पास उसके बूढ़े माता-पिता हों या उनमें से कोई एक हो और वह व्यक्ति उनकी/उसकी सेवा-सुश्रूषा करके स्वयं का स्वर्ग का भागी न बना सके।'
मुहम्मद जैनुल आबिदीन मन्सूरी