कान्हा टाइगर रिजर्व के वनकर्मियों को मिलेगा नक्सली भत्ता


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स्टोरी हाइलाइट्स

मुख्यमंत्री ने मांगा प्रस्ताव, वित्तीय भार होगा सात करोड़ रुपये सालाना..!!

भोपाल: मध्य प्रदेश के सुप्रसिद्ध कान्हा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में कार्यरत वनपाल एवं वनरक्षकों के लिए अब एक सुखद समाचार आया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनके लिए नक्सली भत्ता स्वीकृत करने की प्रक्रिया आरंभ करने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग से इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा है ताकि इसे मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिल सके।

राज्य सरकार की यह पहल उन 175 बहादुर वनकर्मियों के लिए है जो मंडला जिले के घने जंगलों में नक्सली प्रभाव वाले इलाकों में कार्यरत हैं, जहां हर पल जीवन का जोखिम बना रहता है। अब तक केवल पुलिसकर्मियों को यह भत्ता प्राप्त होता था, किंतु वन विभाग के इन कर्मियों की मांग वर्षों से लंबित थी।

प्रस्ताव के अनुसार, नक्सली भत्ता स्वीकृत होने पर वनरक्षकों को प्रतिमाह लगभग 18,000 रुपये और वनपालों को करीब 25,000 रुपये अतिरिक्त राशि मिलेगी। इस योजना पर राज्य सरकार को सात करोड़ रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय भार वहन करना होगा।

गौरतलब है कि वित्त विभाग ने पूर्व में इस प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया था, किंतु अब मुख्यमंत्री की पहल से यह योजना पुनः गति पकड़ रही है। हालांकि, यह भत्ता सिर्फ वर्ष 2026 के अंत तक ही प्रभावी रहेगा क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उस वर्ष तक देश से नक्सल समस्या के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य घोषित किया है।