अलौकिक संगीत यात्रा में श्रोताओं को स्पंदित कर गया सुर, ताल और भावनाओं का अनूठा संगम


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स्टोरी हाइलाइट्स

आठवां हृदय दृश्यम समारोह का हुआ शुभारंभ, तीन दिन बहेगी स्वर लहरियां..!!

मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा संगीत, कला और विरासत पर केन्द्रित वृहद संगीत समारोह ‘‘ह्रदय दृश्यम’’ के आठवें शुभारंभ शुक्रवार की शाम रवीन्द्र भवन में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ संचालक, संस्कृति एन.पी. नामदेव, क्यूरेटर हृदय दृश्यम जो अलवारिस एवं ओमेगा रेंक के प्रबंध संचालक सुशील प्रकाश, जहांनुमा होटल के निदेशक फैज राशिद ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। 

इस अवसर पर सुविख्यात सरोद वादक अमान—अयान अली बंगश भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन सुशील प्रकाश ने दिया। उन्होंने कहा कि हृदय दृश्यम का मंच भारतीय संगीत की समृद्ध परम्पराओं को अनुभूत कराता है। यह हमारी संस्था पर गर्व करने का अवसर है। आभार प्रदर्शन उप संचालक संस्कृति डॉ. पूजा शुक्ला ने किया।

इस अवसर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के सौंदर्य और उत्कृष्ट प्रदर्शनों का पर्याय हृदय दृश्यम का भव्य मंच एक बार पुनः सुधिजनों को उस अलौकिक संगीत–यात्रा पर ले गया, जहाँ सुर, ताल और भावनाओं का अनूठा संगम श्रोताओं को भीतर तक स्पंदित कर गया। पहली संध्या की प्रथम सभा सरोद वादन के माधुर्य, गंभीरता और रसानुभूति को समर्पित थी। मंच पर उपस्थित थे सेनिया बंगश घराने के सुप्रसिद्ध युवा कलाकार अमान अली बंगश और अयान अली बंगश, जिनकी उंगलियों के स्पर्श मात्र से तारों पर जादू सा उतरता प्रतीत होता है।

अपने विशेष अंदाज, सुकोमल मिजाज और गहन मनोभाव के साथ दोनों कलाकारों ने सुरों का ऐसा संसार रचा कि पूरा सभागार मंत्रमुग्ध हो उठा। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत "राग देश" से की जिसकी मध्यम-कोमल छाया और बारिश-सी भीगी अनुभूति ने श्रोताओं को सुकून से भर दिया। 

इसके बाद उन्होंने "राग रागेश्री" में सरोद के गंभीर, मधुर और मृदुल स्वर-व्याप्ति का अद्भुत परिचय दिया। अंत में बंगश बंधुओं ने मनभावन भटियाली धुन प्रस्तुत की, जिसने वातावरण में सहज उल्लास, काव्यमयता और मधुरता घोल दी। अमान-अयान के साथ तबले पर अशेष उपाध्याय एवं रामेंद्र सिंह सोलंकी ने सधी संगत दी।

अगली प्रस्तुति सुप्रसिद्ध गायिका सुमधुवंती बागची के गायन की रही। वे अपने चिरपरिचित अंदाज में मंच पर पहुंची और सबसे पहले ईश्वर को स्मरण करते हुए आई गिरी नंदिनी....से मंगलारंभ किया। इसके बाद उन्होंने अपना सुप्रसिद्ध गीत शायद कभी ना कह सकूं.... से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। अगला गीत रंजिश ही सही....प्रस्तुत कर सभागार में जादू बिखेर दिया। उन्होंने इसके बाद एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए।

हृदय दृश्यम में आज

हृदय दृश्यम के दूसरे दिन 6 दिसम्बर, 2025 को सायं 5:30 बजे से ऐतिहासिक स्थल जगदीशपुर के चमन महल परिसर में दो संगीत सभाएं आयोजित होंगी। जिसमें पहली सभा सुविख्यात सितार वादक पंडित रवि चारी के सितार वादन की होगी। 

इसके बाद 8:15 बजे पंडित आदित्य कल्याणपुरकर का तबला वादन होगा। इस अवसर पर परिसर में आर्ट एण्ड क्राफ्ट एवं पारम्परिक व्यंजन मेला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मध्यप्रदेश की परम्परा अनुसार व्यंजन एवं शिल्प कला प्रस्तुत होगी। जगदीशपुर के लिए निःशुल्क बस सेवा रविन्द्र भवन से शाम 4 बजे उपलब्ध रहेगी।