Sehore News: अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में शनिवार, 17 अगस्त को भोपाल के पास जिला मुख्यालय सीहोर में कावड़ यात्रा निकाली गई। कावड़ यात्रा में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। यहां देश के विभिन्न प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में सुबह 9 बजे शुरू हुई कावड़ यात्रा 11 किलोमीटर चलकर कुबेरेश्वर धाम पहुंची।
कावड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालु बोल बम और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के नारे लगाते हुए चल रहे थे। कावड़ यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर रहा। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गयी। आपको बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा पिछले तीन-चार सालों से कांवड़ यात्रा का आयोजन करते आ रहे हैं। ऐसे में सावन माह में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली गई। जिला मुख्यालय के सीवान नदी घाट से शुरू हुई कांवड़ यात्रा कुबेरेश्वर धाम पहुंची।
कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु पहुंचे। पंडित प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा के लिए करीब 450 किलोमीटर दूर अमरावती से पांच से अधिक कांवड़ यात्री पैदल चलकर सीहोर पहुंचे। कावड़ यात्रा सुबह नौ बजे शहर के सीवान नदी तट से शुरू हुई और जगदीश मंदिर, कोतवाली चौक, मेन रोड, इंदौर नाका, सोया चौपाल होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंची। कावड़ यात्रा को लेकर शिव भक्तों में इतना उत्साह था कि एक दिन पहले ही देश के कोने-कोने से एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंच गए थे। शुक्रवार को भक्तों द्वारा भगवान शिव की आराधना की गई।
कुबेश्वधाम आने वाले लोगों के कारण रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड समेत अन्य स्थानों पर भीड़ देखी जा रही है। कांवड़ यात्रा को लेकर कलेक्टर प्रवीण कुमार सिंह, एसपी मयंक अवस्थी दो से तीन बार कुबेरेश्वर धाम और सीवान नदी घाट पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
कार्यक्रम में सीहोर सहित बाहरी जिलों से भी पुलिस बल तैनात किया गया था। कलेक्टर प्रवीण के निर्देश पर एसडीआरएफ टीम और अन्य अधिकारियों को मोटर बोट और अन्य उपकरणों के साथ सीवान नदी घाटों पर ड्यूटी पर तैनात किया गया था। सीवान नदी घाट पर अग्निशमन दस्ता, क्रेन की उपलब्धता एवं अन्य व्यवस्था के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गये।
सीवान नदी से पानी खींचने के लिए नगर पालिका ने सीवान नदी पुल के दोनों ओर एक छोर से दूसरे छोर तक पाइपलाइन बिछाई है और हर 5 फीट पर नल लगाए हैं, ताकि कांवर यात्रियों को उतरना न पड़े। वह आसानी से जल लेकर कांवर यात्रा में शामिल हो सकते हैं।