मप्र के स्कूलों में अब मध्यान्ह भोजन बनाने वाले एसएचजी में 18 वर्ष से नीचे की युवती नहीं होगी


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स्टोरी हाइलाइट्स

महिला स्व सहायता समूह यानि एसएचजी में अब 18 वर्ष की उम्र से कम की युवती नहीं हो सकेगी तथा 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को भी इसमें नहीं रखा जायेगा..!!

भोपाल: मप्र के सरकारी एवं अनुदान प्राप्त स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिला स्व सहायता समूह यानि एसएचजी में अब 18 वर्ष की उम्र से कम की युवती नहीं हो सकेगी तथा 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिला को भी इसमें नहीं रखा जायेगा। ये ताजा निर्देश राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत गठित पीएम पोषण शक्ति निर्माण के मप्र राज्य समन्वयक ने सभी जिला कलेक्टरों को जारी किये हैं।

निर्देश में कहा गया है कि एन एसएचजी का कार्य संतोषजनक पाये जाने पर अनुबंध का प्रति दो वर्ष में नवीनीकरण किया जाये जबकि 6 माह का कार्यकाल पूरा करने पर एसएचजी को प्रथम ग्रेडिंग प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसी प्रकार, मध्यान्ह भोजन वितरण के लिये वैकल्पिक साप्ताहिक मेन्यू अनुसार भोजन वितरण कराया जाये ताकि केंद्र के मापदण्ड अनुसार बच्चों को पोषण उपलब्ध हो सके। 

एसएचजी द्वारा  प्रति शैक्षणिक दिवस भोजन पकाने में उपयोग आने वाली सामग्री जैसे गेंहू/चावल, दाल, सब्जी, मसाले, तेल एवं अन्य सामग्री का विवरण रजिस्टर में संशारित किया जाये। इस बात का ध्यान रखा जाये कि भोजन बनाने वाली एसएचजी की महिला सदस्य किसी संक्रामक बीमारी से ग्रसित तो नहीं है तथा इसके लिये समय-समय पर एसएचजी के सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाये।