भोपाल: मप्र सरकार द्वारा बनाई जा रही श्रीकृष्ण पाथेय योजना में तेरह अन्य राज्यों यथा उप्र, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, मणिपुर, असम में भगवान श्रीकृष्ण की परम्परा और यात्राओं को भी शामिल किया जायेगा ।
राज्य का संस्कृति विभाग इन राज्यों में जाकर अध्ययन करेगा। इसके अलावा, प्राथमिकता के आधार पर मप्र एवं राजस्थान की एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जायेगी और श्रीकृष्ण पाथेय योजना को मूर्त रुप देने के लिये दोनों प्रदेशों के विद्वतजनों की संयुक्त समिति द्वारा प्रस्तावित मार्ग का निर्धारण किया जायेगा। इस मार्ग में सभी महत्वपूर्ण स्थानों को चिन्हांकित किया जायेगा।
कार्ययोजना के विस्तार एवं क्रियान्वयन के लिये बैठकें उज्जैन, जयपुर, भोपाल, भरतपुर आदि स्थानों पर आयोजित की जायेगी। प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार, जल्द ही श्रीकृष्ण पाथेय न्यास का पंजीयन किया जायेगा और राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति एवं विषय विशेषज्ञ समिति का गठन किया जायेगा जिसमें ज्ञानानंद महाराज, आचार्य राजेंद्रदास महाराज आदि को भी सम्मिलित किया जायेगा।