Guru Purab: सिख समुदाय के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जयंती आज


स्टोरी हाइलाइट्स

Today is the tenth anniversary of Guru Gobind Singh ji of Sikhism. The Sikh community celebrates the birth anniversary of Guru Gobind Singh with enthusiasm

Guru Purab: सिख समुदाय के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जयंती आज सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती आज है। सिख समुदाय, गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती को बड़े उत्साह के साथ मनाता हैं। इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। इस दिन सिख समुदाय के लोग लंगर का आयोजन भी करते है। बलिदानी परम्परा में गुरु गोविंद सिंह जी अद्वितीय थे, वे स्वयं एक महान लेखक, संस्कृत सहित कई भाषाओं को जानने वाले भी थे। गुरु गोविंद सिंह जी ने कई ग्रंथों की रचना की। उनके दरबार में कवियों तथा लेखकों की उपस्थिति रहती थी, गुरु गोविंद सिंह जी भक्ति तथा शक्ति के अद्वितीय संगम थे। गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म नौवें सिख गुरु तेगबहादुर जी और माता गुजरी के घर पटना में 22 दिसंबर 1666 को हुआ था। जब वह पैदा हुए थे उस समय उनके पिता असम में धर्म उपदेश को गये थे। उनके बचपन का नाम गोविन्द राय था। पटना में जिस घर में उनका जन्म हुआ था और जिसमें उन्होने अपने प्रथम चार वर्ष बिताये थे, वहीं पर अब तखत श्री पटना साहिब स्थित है। उन्होंने सन 1699 में बैसाखी के दिन खालसा जो की सिख धर्म के विधिवत् दीक्षा प्राप्त अनुयायियों का एक सामूहिक रूप है उसका निर्माण किया। उसके बाद गुरु गोबिंद जी ने एक लोहे का कटोरा लिया और उसमें पानी और चीनी मिला कर दुधारी तलवार से घोल कर अमृत का नाम दिया। 5 खालसा के बनाने के बाद गुरु गोविंद सिंह जी को छठवां खालसा का नाम दिया गया। उन्होंने पांच ककारों का महत्व खालसा के लिए समझाया और कहा – केश, कंघा, कड़ा, किरपान, कच्चेरा।