रोजगार-डेवलपमेंट के क्षेत्र में, रीजनल इन्वेस्टर्स मीट कितनी कारगर ?


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स्टोरी हाइलाइट्स

ग्वालियर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं..!

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में ग्वालियर में तीसरी रीजनल  इंडस्ट्रियल समिट संपन्न हुई। इस दौरान प्रदेश सरकार को करोड़ो रुपए के निवेश प्रस्ताव भी आए।
ज़ाहिर है जब प्रदेश में निवेश बढ़ेगा नई-नई औद्योगिक इकाईयां लगाई जाएंगी तो रोज़गार का सृजन भी होगा।

ग्वालियर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे 35 हजार से ज्यादा नये रोजगार के अवसर पैदा होंगे।   राज्य में निवेश आ रहा है। सीएम यादव ने हाल के दिनों में विभिन्न 51 औद्योगिक इकाइयों का वर्चुअल उद्घाटन किया है। इससे लगभग 8300 लोगों को रोजगार मिलेगा। सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश निवेश के लिये सेक्टर आधारित नीतियाँ बनाने वाले चुनिंदा राज्यों में से एक है। 

मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक के बाद एक नए कदम उठाए जा रहे हैं। इसी के चलते रीजनल समिट में देशभर के निवेशक और औद्योगिक घरानों ने राज्य में कारोबार बढ़ाने के उद्देश्य प्रस्ताव पेश किए। प्रदेश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। सभी प्रकार के उद्योग राज्य का विकास कर सकते हैं। सरकार इस पर लगातार काम कर रही है। खासकर चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में काफी संभावनाएं हैं। सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े उद्यमों के लिए बहुत अच्छा माहौल है। 

सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश निवेश के लिये सेक्टर आधारित नीतियाँ बनाने वाले चुनिंदा राज्यों में से एक है। जानकारों का कहना है, कि अन्य राज्य आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में डेवलपर्स को प्रोत्साहन नहीं देता है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार यह सुविधा प्रदान कर रही है। यही कारण है, कि यहां इनवेस्टर्स को बिजनेस स्थापित करने से लेकर निवेश बढ़ाने के लिए तमाम अवसर मौजूद हैं। प्रदेश सरकार की ओर से उद्योगों को स्थापित करने के लिए भूमि भी मुहैया कराई जा रही है।

प्रदेश में अब तक उज्जैन, जबलपुर और अब ग्वालियर में रीजनल इन्वेस्टर समिट हो चुकी है। इसके बाद अक्टूबर में रीवा में भी इसी तरह का समिट आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। सागर या दमोह में भी रीजनल इन्वेस्टर समिट आयोजित किया जायेगा।

कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है, कि प्रदेश में जितना अधिक निवेश होगा उतना ही अधिक रोजगार बढ़ेगा और प्रदेश के युवों को रोज़गार की तलाश में बाहर जाने की भी कोई ज़रूरत नहीं होगी। प्रदेश के विकास और युवाओं को प्रतिभा पलायन से रोकने के लिए मोहन सरकार का विजन एकदम क्लियर है।