आप अंदर से कैसे हैं ये बाहर नज़र आता है|


स्टोरी हाइलाइट्स

आपकी जिंदगी  वैसी ही दिखती है जैसे कि आप हैं|

-अतुल विनोद आपकी जिंदगी  वैसी ही दिखती है जैसे कि आप हैं| आपका वाहन, आपके कपड़े, आप का रहन सहन , केवल आर्थिक स्थिति का परिचायक नहीं है, बल्कि आपकी मानसिक स्थिति को भी बयां करते हैं | मान लीजिए आपके पास एक कार है आप उस कार से रोज ऑफिस आते हैं|  वह कार आपकी जिंदगी के अनछुए पहलुओं को भी उजागर कर देगी| आपके अंदर क्या चल रहा है? आप शांत हैं या अशांत? यह आपका व्हीकल लोगों को बता देगा| आप से जुड़ा हुआ हर संसाधन कार, स्कूटर, बाइक, ऑफिस, घर यह सब कुछ आपकी आंतरिक मनोदशा का वर्णन कर देते हैं| यदि आप पॉजिटिव है, शांत है, कॉन्फिडेंट है, यदि आपके जीवन की बागडोर आपके हाथ में है, आपका मन आपके कंट्रोल में है, तो यह सारी चीजें व्यवस्थित दिखाई देंगे| आपका व्हीकल साफ सुथरा होगा, आप घर से निकलेंगे तो उसे साफ करेंगे, उसे मेंटेन रखेंगे, ऑफिस में आपकी टेबल व्यवस्थित रहेगी, आपका घर व्यवस्थित दिखाई देगा| यदि आप अंदर से दुखी हैं, काम के बोझ से दबे हैं, अशांत है, नकारात्मक है, अंदर की अवस्था आपकी वस्तुओं की अवस्था में भी नजर आएगी| आप अंदर की व्यवस्था को व्यवस्थित करके बाहर व्यवस्थित हो सकते हैं|  इसी तरह से यदि आप बाहर व्यवस्थित होना शुरू कर दें, अपने आसपास के वातावरण को साफ सुथरा और बेहतर बनाना शुरु कर दें, तो आपके अंदर भी सब कुछ ठीक होता चला जाएगा, आपका बिस्तर, अलमारी, कपड़े, आपका नहाना धोना, ब्रश करना,  हर एक आदत, हर एक वस्तु साफ-सुथरी व्यवस्थित और नियंत्रित होनी चाहिए|