भारतीय शेयर बाजार में बुल रन जारी है। बुधवार को सेंसेक्स 666 अंक बढ़कर 85,386 के स्तर पर बंद हुआ और कारोबार के दौरान 85,930 के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी भी 212 अंक यानी 0.81% की बढ़त के साथ 26,216 अंक पर बंद हुआ और ट्रेडिंग के दौरान 26,251 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचा।
इस तेजी का लाभ उठाने के लिए अनेक IPO लॉन्च किए जा रहे हैं, जिससे वेंचर कैपिटल (वीसी) और प्राइवेट इक्विटी फर्म्स (पीई) तगड़ा मुनाफा कमाकर कंपनियों से बाहर निकल रहे हैं। साथ ही लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर्स भी इस तेजी का फायदा उठाकर अपने शेयर बेच रहे हैं।
इंडिगो, गौतम अडानी की अंबुजा सीमेंट्स, बाबा रामदेव की पतंजलि फूड्स, ईजी ट्रिप प्लानर्स, वेलस्पन लिविंग और सायंट डीएलएम जैसी कंपनियों के प्रमोटर्स ने सितंबर तिमाही में 40,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
बाजार में जोरदार तेज़ी के चलते बाजार का वैल्यूएशन काफी बढ़ गया है, जिसके कारण म्यूचुअल फंड्स 1.86 लाख करोड़ रुपये के कैश के साथ बैठे हैं। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि इतने ऊंचे वैल्यूएशन पर कहां निवेश करें। वे निवेश के लिए बाजार में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं।
म्यूचुअल फंड्स बाजार में बियरिश नहीं हैं, बल्कि नए मौके की तलाश में हैं। सितंबर तिमाही में प्रमोटर्स ने 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं, जबकि इस साल एक लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे जा चुके हैं, जो 2023 से दोगुना है।