भोपाल: मध्यप्रदेश वन विभाग की सबसे संवेदनशील और प्रभावशाली शाखा “विकास” में आगामी पदस्थापना को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। 1988 बैच के प्रधान मुख्य वन संरक्षक कमलेश चतुर्वेदी गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गए हैं। फिलहाल उनका प्रभार पीसीसीएफ पुरुषोत्तम धीमान को दिया गया है। वन विभाग में एमडी वन विकास निगम और पीसीसीएफ विकास शाखा पद के लिए संशय की स्थिति बन गई है।
यदि पीसीसीएफ विकास के पद पर धीमान की ही पूर्णकालिक पोस्टिंग की जाती है तो फिर पीसीसीएफ वर्किंग प्लान की वर्तमान भूमिका में बदलाव करना पड़ेगा, क्योंकि सरकार द्वारा लागू की गई एपीआर (वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट) की नई प्रक्रिया से यह मामला उलझ गया है।
नए नियमों के अनुसार, CF अथवा CCF स्तर के अधिकारियों की एपीआर अब एपीसीसीएफ (अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक) विकास द्वारा लिखी जाएगी और उसकी समीक्षा पीसीसीएफ वर्किंग प्लान द्वारा की जानी है। यानि 1993 बैच के मनोज अग्रवाल को पीसीसीएफ वर्किंग प्लान के पद से हटाकर ही संभव होगा। जबकि मनोज अग्रवाल को कुछ महीने ही में इस पद पर नियुक्त किया गया है।
पीसीसीएफ कैंपा से खान के हटाने की चर्चा
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि एसीएस अशोक वर्णवाल पीसीसीएफ विकास के पद पर धीमान की ही पोस्टिंग करना चाह रहे हैं, इसलिए वे 1989 बैच के एचयूं खान को कैंपा शाखा से हटाकर पीसीसीएफ वर्किंग प्लान के पद पर पदस्थ करने जा रहें है। यानि एसीएस वर्णवाल विभाग के सबसे सीनियर आईएफएस अधिकारी खान को फुटबॉल की तरह यूज कर रहे है। इसके पहले खान को कैम्पा और वर्किंग प्लान से हटाया गया था।
राजौरा को एमडी फेडरेसन की संभावना
1993 बैच की दबंग लेडी अफसर समिता राजौरा को लघु वनोपज संघ की कमान दिए जाने की संभावना है। संघ के प्रसंस्करण केंद्र बरखेड़ा पठानी में औषधि की क्वांटिटी और क्वालिटी में लगातार हो रही गिरावट संबंधित खबरों को लेकर अपर मुख्य सचिव वन नाराज बताए जा रहे हैं। इसीलिए वर्तमान एमडी विभाष ठाकुर को हटाकर पीसीसीएफ एचआरडी समिता राजौरा को फेडरेसन पदस्थ करने का मन बनाया है। एमडी फेडरेशन विभाष ठाकुर को वन विकास निगम पदस्थ करने पर मंथन चल रहा है। यह बात अलग है कि अभी तक इन पदों पर पोस्टिंग करने की सहमति मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से नहीं मिली है। डॉक्टर यादव के पास वन विभाग का भी प्रभार है।