हरियाणा में शर्मनाक हरकत, महिला सफाई कर्मचारियों से सुपरवाइजर ने मांगा पीरियड्स का सबूत, 3 कर्मचारी निलंबित


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स्टोरी हाइलाइट्स

एमडीयू में चार महिला कर्मचारियों को कपड़े उतारकर सैनिटरी पैड चेक करने के लिए मजबूर किया गया, एफआईआर दर्ज..दो सुपरवाइज़र निलंबित..!!

हरियाणा के रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में चार महिला कर्मचारियों के साथ बद्सलूकी का मामला सामने आया है, यहाँ एक सुपरवाइजर ने महिला सफाई कर्मचारियों से पीरियद्स का सबूत मांगा। सुपरवाइजर ने कथित तौर पर कर्मचारियों को कपड़े उतारकर सैनिटरी पैड चेक कराने के लिए मजबूर किया। 

घटना के बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुपरवाइजर विनोद कुमार और वितेंद्र कुमार समेत तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और एक जाँच समिति गठित की। पुलिस ने तीनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है।

यह घटना तब सामने आई जब राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष 26 अक्टूबर को एमडीयू के दौरे पर आए। सुपरवाइजर ने महिला कर्मचारियों से देरी से आने का कारण जानने के लिए ऐसा करने को कहा। साथ ही महिला सफ़ाई कर्मचारियों के देर से आने पर नाराज़गी जताई। 

महिला कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें पीरियड्स संबंधी समस्याओं के कारण देर हो गई थी। इस पर सुपरवाइज़र नाराज़ हो गया और उनसे सबूत माँगा। एक अन्य महिला कर्मचारी को बुलाया और कर्मचारियों से अपने कपड़े उतारकर सैनिटरी पैड की जाँच कर फोटो खींचकर दिखाने को कहा। इस घटना से परिसर में हड़कंप मच गया।

मामला बढ़ने पर एमडीयू प्रशासन ने तुरंत सफ़ाई पर्यवेक्षक विनोद कुमार और एक अन्य कर्मचारी वितेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया और एक जाँच समिति गठित की। पीजीआईएमएस थाने में दो सुपरवाइज़र और एक कर्मचारी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है। कर्मचारियों ने घटना की तस्वीरें और वीडियो हरियाणा राज्य महिला आयोग को भेजे। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने एमडीयू के कुलपति और रोहतक के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पाँच दिनों के भीतर पूरी रिपोर्ट देने का आदेश दिया। आयोग ने मामले को गंभीर बताया।

आयोग ने पत्र में कहा है कि महिला सफाई कर्मचारियों के कपड़े उतरवाना एक गंभीर मामला है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। मामले में आरोपी सुपरवाइजरों में से एक विनोद का दावा है कि उसका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। वह कर्मचारियों से दूर बैठकर मोबाइल पर बात कर रहा था। बात करते-करते वह हँसा और महिला कर्मचारी ने उसका गलत मतलब निकाल लिया। केवल वही बता सकता है कि कर्मचारियों ने उसका नाम क्यों लिया। उसे इस मामले में फँसाया जा रहा है। 

एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की जीरो टॉलरेंस नीति है और उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत ने कहा कि पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है। इस बीच, पीजीआईएमएस थाना प्रभारी रोशन लाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर सुपरवाइजर विनोद, वितेंद्र और एक अन्य कर्मचारी सुंदर लाल के खिलाफ क्सुअल हैरेसमेंट का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।