विधायक अनुभा को डीएफओ से रकम मांगने के मामले में मिली क्लीन चिट


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स्टोरी हाइलाइट्स

रकम मांगने की शिकायत स्वयं डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने 18 अगस्त को लिखित में की थी जिस पर राज्य शासन ने 3 सितम्बर को दो सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की थी..!!

प्रदेश की बालाघाट विधानसभा सीट की कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे को उत्तर सामान्य बालाघाट की डीएफओ नेहा श्रीवास्तव से बालाघाट के फारेस्ट रेस्ट हाऊस में गत 16 अगस्त को दो-तीन पेटी रकम मांगने के मामले में क्लीन चिट मिल गई है। रकम मांगने की शिकायत स्वयं डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने 18 अगस्त को लिखित में की थी जिस पर राज्य शासन ने 3 सितम्बर को दो सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की थी।

जिसमें वन मुख्यालय भोपाल की प्रशासन-2 शाखा की एपीसीसीएफ कमलिका मोहन्ता एवं बैतूल वन वृत्त की वन संरक्षक बासु कनौजिया नियुक्त की गईं थीं तथा अब इस कमेटी की रिपोर्ट राज्य शासन को मिल गई है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि बालाघाट के फारेस्ट हाऊस में डीएफओ से 2-3 पेटी रकम मांगने की शिकायत की किसी भी गवाह ने पुष्टि नहीं की है क्योंकि डीएफओ एवं विधायक की मुलाकात बंद कमरे में हुई थी। इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि महिला विधायक को नोटिस देकर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई थी परन्तु उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा।

उल्लेखनीय है कि डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने 18 अगस्त को पीसीसीएफ भोपाल को पत्र लिखकर विधायक अनुभा मुंजारे पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि 16 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश होने के बावजूद उन्हें बालाघाट स्थित फॉरेस्ट रेस्ट हाउस बुलाया गया, जहां विधायक ने निजी स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में विधायक ने 2-3 पेटी अवैध पैसों की मांग की। पैसे न देने पर विधायक ने कथित तौर पर न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार के लिए भी अपमानजनक और असंयमित भाषा का उपयोग किया। 

इस शिकायत के आधार पर वन विभाग ने 3 सितंबर को दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। जिसमें वर्ष 1997 बैच की आईएफएस अधिकारी व अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक कमालिका मोहन्ता और वन संरक्षक बैतुल वासु कनोजिया शामिल किया गया था। डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने अपने डीएफओ पति अधर गुप्ता को बचाने के फेर में विधायक पर कथित रूप से अड़ीबाज़ी का आरोप लगाया था।