इंदौर में हुए जानलेवा ट्रक हादसे का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ, इसी बीच विधायक गोलू शुक्ला की बस ने पति, पत्नी और बच्चे की जान ले ली। ड्राइवर परिवार को कुचलकर फरार हो गया। हादसे में घायल एक मासूम बच्चे की हालत गंभीर थी उसका अरविंदो अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है, कि उसने भी 18 सितम्बर की सुबह दम तोड़ दिया।
बाणगंगा टीआई सियाराम सिंह गुर्जर के मुताबिक, यह हादसा बुधवार 17 सितम्बर देर रात धरमपुरी के पास रिंगनोदिया गांव में हुआ। बस इंदौर विधानसभा क्षेत्र 3 के विधायक गोलू शुक्ला की बताई जा रही यह बस इंदौर और उज्जैन तथा अन्य मार्गों के बीच चलती है। बुधवार रात हुई इस घटना में शुक्ला की बस में सवार एक दंपत्ति और उनके दो बच्चों की मौत हो गई। चालक ने तीनों को कुचल दिया और मौके से फरार हो गया। हादसे में घायल हुए एक बच्चे की हालत गंभीर थी, लेकिन गुरुवार सुबह अरबिंदो अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
बस संख्या MP 09FA 6390 ने MP 09VF 3495 नंबर की बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद दंपत्ति और उनके बच्चे बाइक से गिर गए। महेंद्र सोलंकी, जयश्री सोलंकी और 15 वर्षीय जिगर सोलंकी की मौके पर ही मौत हो गई। 10 वर्षीय तेजस सोलंकी गंभीर रूप से घायल हो गया।
सांवेर थाना प्रभारी गिरजाशंकर महोबिया के अनुसार, बस विधायक गोलू शुक्ला की है। बस की पीछे "गोलू" भी लिखा हुआ है। टक्कर के बाद चालक और क्लीनर मौके से फरार हो गए। तीन इमली मूसाखेड़ी निवासी महेंद्र सोलंकी चाय की दुकान चलाते थे।
आपको बता दें, कि मृतक महेंद्र सोलंकी तीन इमली मूसाखेड़ी में चाय की दुकान चलाते थे। साईं विहार कॉलोनी में रहने वाले अपने भाई बाबू सिंह सोलंकी और भाभी शांति सोलंकी से मिलने आए थे। बाबू बुधवार को भोपाल गए थे। उन्हें लौटने में देर हो गई। बाबू सिंह ने भारी बारिश का हवाला देकर महेंद्र को रोकने की कोशिश की, लेकिन सुबह जिगर की परीक्षा होने के कारण सभी को रात में ही निकलना पड़ा। लगभग एक घंटे बाद, जब उनके आने की कोई खबर नहीं मिली, तो बाबू सिंह की बेटी ने फ़ोन किया। थोड़ी देर बाद, किसी दूसरे नंबर से फ़ोन आया कि चारों को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इंदौर से उज्जैन तक शुक्ला ब्रदर्स के कथित एजेंट यात्रियों को अपनी संपत्ति समझते हैं और गुंडों जैसा व्यवहार करते हैं। यात्रियों को किसी अन्य बस में चढ़ने नहीं दिया जाता। ऑनलाइन बुकिंग के बाद भी यात्रियों को बस में चढ़ने से रोका जाता है। इससे कई विवाद हुए हैं और तोड़फोड़ की घटनाएँ भी हुई हैं।
पुराण डेस्क