पढ़ना-लिखना और आगे बढ़ना आज के समय में सबके लिए बहुत ज़रूरी है। पढ़ाई ही ऐसा माध्यम है, जो आपको जीवन को आगे लेकर जा सकता है लेकिन कई बेघर, दिव्यांग, सिंगल पेरेंट्स और अनाथ छात्राएं ऐसी हैं जिन्होंने मज़बूरी के चलते पढ़ाई का अपना सपना पूरा नहीं कर पा रही थीं
अब ऐसी छात्राओं की पढाई को पूरा कराने का बीड़ा उठाया है राज्य शिक्षा केंद्र ने। राज्य शिक्षा केंद्र ने इसके लिए कुछ नए निर्णय लिए हैं। जिसमे ऐसे गांवो की पहचान की जाएगी जहां 3 KM तक कोई मिडिल और 5 किमी में कोई हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं है ऐसे गाँव की पढ़ना छोड़ चुकीं छात्राओं को अब सीधे छठवीं एवं नौवीं कक्षा में एडमिशन मिलेगा।
इन बालिकाओं की आगे की पढ़ाई पूरी हो सके इसके लिए उन्हें विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में एडमिशन दिया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र ने कस्तूरबा गांधी गर्ल्स स्कूल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस पालिका और बालक छात्रावास के संचालन के संबंध में कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें साफ़ कहा गया है कि पहले ऐसी छात्राओं को चिन्हित किया जाए फिर उनके एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की जाये।
दरअसल राज्य शिक्षा केंद्र ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए एक गृहसंपर्क अभियान चलाया था। इस अभियान से स्कूल छोड़ने वाले बच्चो की मेपिंग कर ली गई है और अब उन्हें दोबारा एडमिशन दिया जाएगा।