मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती भी एक्टिव होने जा रही हैं। वे जल्द ही उत्तरप्रदेश से सटी विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार करती दिखाई देंगी। जल्द ही उनकी सभाओं को अंतिम रूप दिया जायेगा।
उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी नतीजों पर बसपा का खासा प्रभाव रहता है। राज्य के वे क्षेत्र जो उत्तर प्रदेश की सीमा से लगते हैं, जैसे कि ग्वालियर-चंबल, विंध्य और बुन्देलखंड, ऐसे क्षेत्र हैं जहां लगभग तीन दर्जन सीटें उत्तर प्रदेश की सीमा से लगती हैं।
इन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी को मिले वोट का नतीजों पर सीधा असर दिखाई देता है। जब भी बहुजन समाज पार्टी का वोट बैंक बढ़ा है, कांग्रेस को नुकसान हुआ है और बीजेपी को फायदा हुआ है और जब भी बीएसपी का वोट बैंक घटा है, तो कांग्रेस को फायदा हुआ है।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उनका कहना है कि राज्य विधानसभा चुनाव में बसपा का प्रभाव पूरे प्रदेश में नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे इलाकों में है। यही वजह है कि बसपा का वोट प्रतिशत घटने-बढ़ने का चुनावी नतीजों पर सीधा असर पड़ेगा। इस बार बीएसपी ने गोंगपा के साथ गठबंधन किया है, जिससे बीएसपी का वोट बैंक और बढ़ सकता है।