भोपाल: प्रदेश के सिंगरौली जिले में स्थित मेसर्स सासन अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड ने उसे रिहन्द जलाशय से मिले 85 मिलियन घनमीटर वार्षिक जल की मात्रा को घटाकर 70 मिघमी वार्षिक कर दिया है। कम की गई मात्रा को 1 जनवरी 2022 से प्रभावशील किया गया है जबकि पहले यह तिथि 1 मार्च 2022 थी। उल्लेखनीय है कि जल संसाधन विभाग की साधिकार समिति उद्योगों को जलाशयों से जल का आवंटन करती है जिसके बदले में वह हर माह लिये जाने वाले विभिन्न शुल्कों का निर्धारण भी करती है।
इधर मेसर्स एथॉन नैचुरल बायोफ्यूल प्रालि नई दिल्ली के ग्राम बासी तहसील वारासिवनी जिला बालाघाट में स्थापित एथॅनोल उत्पादन, डीडीजीएस, कम्प्रेस बायोगैस आदि प्लांट के लिये चंदन नदी से 840 घनमीटर प्रतिदिन जल आवंटित किया है। मेसर्स लेनसेक्स इण्डिया प्रालि थाणे महाराष्ट्र को नागदा जिला उज्जैन में प्रस्तावित केमिकल प्लांट के लिये नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना एनवीडीए फेज-2 से आवंटित 1.85 मिलियन घनमीटर वार्षिक जल को कम करके 0.365 मिघमी वार्षिक किया गया है।