भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किसानों के हित बड़ा फैसला लिया है। मोहन सरकार ने वन विभाग के अनावश्यक हस्तक्षेप को समाप्त करते हुए किसानों के लिए कृषि भूमि पर पेड़ों की कटाई के नए नियम – 2025 लागू कर दिया है। यानि पहले पेड़ काटने के लिए लंबी सरकारी प्रक्रिया होती थी। नए नियम के तहत अब किसान खुद ऑनलाइन आवेदन करके अपने खेत के पेड़ों की कटाई की अनुमति ले सकेंगे। लकड़ी बेचने पर कोई रोक नहीं होगी, बस अनुमति के नियमों का पालन करना होगा।
सरकार ने यह नियम क्यों बनाया ?
डॉ मोहन सरकार चाहती है कि किसानों की आमदनी बढ़ाना और लकड़ी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। किसान अपनी जमीन पर ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएं। पेड़ लगाने से जमीन की उर्वरता बढ़ती है, पानी बचता है और पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। अब पेड़ लगाने, काटने और बेचने की प्रक्रिया आसान और ऑनलाइन कर दी गई है। इस नियम से किसान अपनी ज़मीन पर उगाई गई लकड़ी को कानूनी रूप से बेच सकेंगे और अच्छा पैसा कमा सकेंगे।
किसानों को क्या फायदा होगा?
अपनी ज़मीन पर लगे पेड़ों की कटाई के लिए अब सरल अनुमति प्रणाली मिलेगी। ऑनलाइन पोर्टल (नेशनल टिम्बर मैनेजमेंट सिस्टम - NTMS) से सारा काम होगा।अगर प्रक्रिया सही से की गई हो तो फिर पेड़ काटने के बाद लकड़ी बेचने में कोई परेशानी या जुर्माना नहीं होगा। इससे लकड़ी के उद्योगों से किसानों का सीधा संपर्क बनेगा। इससे बिक्री आसान और दाम अच्छे मिलेंगे।
कौन इस योजना का हिस्सा बन सकता है?
जो किसान या ज़मीन मालिक अपनी कृषि भूमि पर पेड़ लगाते हैं। कोई संस्था या संगठन जिसके पास कृषि भूमि है। इसके लिए किसान नेशनल टिम्बर मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर पंजीकरण करें। अपनी ज़मीन का विवरण (मसलन खसरा नंबर, गांव, ज़िला आदि) भरें। कौन से पेड़ लगाए हैं, उनकी संख्या, ऊँचाई, और फोटो डालें। जानकारी अपडेट रखें। यानि कुछ समय बाद पेड़ों की नई जानकारी डालें (जैसे कितने बड़े हुए हैं)। पेड़ काटने की अनुमति ले।
पेड़ काटने की अनुमति कैसे मिलेगी?
जब पेड़ बड़े हो जाएँ और आप उन्हें काटना चाहें, तो पोर्टल पर आवेदन करें। अगर 10 से ज़्यादा पेड़ हैं तो सरकार की तय एजेंसी खेत पर आकर जांच करेगी। रिपोर्ट के बाद कटाई की अनुमति (फेलिंग परमिट) मिलेगी। अगर 10 या उससे कम पेड़ हैं तो बस पोर्टल पर पेड़ों की फोटो अपलोड करें। सिस्टम अपने-आप पेड़ों की ऊँचाई और प्रकार पहचान लेगा। पेड़ काटने के बाद ठूंठ (stump) की फोटो भी अपलोड करनी होगी।
कौन देखरेख करेगा?
वन विभाग और राज्य स्तरीय समिति (SLC) इस पूरे काम की निगरानी करेंगे। हर जिले में डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) एजेंसियों की रिपोर्ट चेक करेंगे। किसानों को ध्यान रखना होगा कि वह बिना अनुमति पेड़ नहीं काटें, वरना नियम का उल्लंघन माना जाएगा। जो भी जानकारी पोर्टल पर डालें, वह सही और पूरी होनी चाहिए। कटाई के बाद लकड़ी के ठूंठ की फोटो ज़रूर अपलोड करें।