भोपाल: प्रदेश में अब ‘जल जंगल जन : एक प्राकृतिक बंधन अभियान’ के तहत नर्मदा नदी का संरक्षण होगा। इसके लिये केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव तन्मय कुमार एवं जल शक्ति मंत्रालय के सचिव व्हीएल कांताराव ने अपने संयुक्त हस्ताक्षर से एक पत्र मप्र के मुख्य सचिव अनुराग जैन को भेजा है।
उल्लेखनीय है कि उक्त अभियान में देश की 13 मुख्य नदियों को शामिल किया गया है जिनके संरक्षण के लिये डीपीआर तैयार की गई है। इस अभियान में देश के 26 राज्य शामिल किये गये हैं। इस अभियान के तहत जल संसाधन, वन ईको सिस्टम और सामुदायिक आजीविका के गहन पारस्परिक संबंध पर बल दिया जायेगा। इससे वन क्षेत्र में वृध्दि के अलावा कार्बन क्रेडिट भी बढ़ेगी और भूजल में बढ़ौत्तरी होगी।
मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि मार्च 2026 तक उक्त डीपीआर पर क्रियान्वयन की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये जिसे केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव के समक्ष आगामी कार्यवाही के लिये प्रस्तुत किया जायेगा। मप्र में नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु कैम्पा के तहत वार्षिक योजना बनाई जाये और नेशनल रिवर कंजरवेशन डायरेक्टोरेट, अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफारमेशन, मनरेगा, नमामी गंगे प्रोजेक्ट तथा अन्य सरकारी योजनाओं से भी सहयोग लिया जाये।
मप्र में नर्मदा नदी वाले 16 जिलों यथा अनूपपुर, डिण्डौरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बड़वानी, आलीराजपुर, धार, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खण्डवा एवं खरगौन के कलेक्टर एवं वन मंडलाधिकारी संयुक्त रुप से संरक्षण पर प्लानिंग करें और इसकी रिपोर्टिंग करें। राज्य स्तर पर स्टीयरिंग कमेटी के माध्यम से इसकी मानीटरिंग की जाये।