भोपाल: राजधानी में स्थित पुलिस मुख्यालय विदेशों से चंदा लेने वाले एनजीओ पर निगरानी की कार्ययोजना तीन साल बाद भी नहीं बना पाया है। दरअसल तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2022 में गृह विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिये थे कि विदेशों से अनुदान वाले गैर सरकारी संगठनों की निगरानी तथा विनियमन सजगता के साथ करे। यह निर्देश सीएम की समीक्षा पोर्टल पर चढ़ गया था। बाद में इसे गृह विभाग ने की गई कार्यवाही का अपडेट दिया कि पुलिस मुख्यालय की विशेष शाखा द्वारा इसके लिये कार्ययोजना बनाई जा रही है। लेकिन इस पर अमल अब तक नहीं हो पाया है।
जनवरी 2024 में राजधानी भोपाल में परवलिया थाना क्षेत्र के तारा सेवनिया में बिना अनुमति के संचालित हो रहे आंचल ईसाई मिशनरी संस्था द्वारा संचालित चिल्ड्रन होम से 26 बच्चियां गायब होने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
जांच में पाया गया कि इस एनजीओ के संचालक अनिल मैथ्यू ने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सडक़ों से रेस्क्यू किए उनको अपने हॉस्टल (चिल्ड्रन होम) में रखा है। लेकिन उन्होंने बिना सरकार को सूचना दिए ऐसा किया। इसके अलावा वे बच्चियों से ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवा रहे थे। संस्था को जर्मनी से फंड मिलता था। बाल आयोग ने इस एनजीओ के निरीक्षण में यह गड़बड़ी पकड़ी थी। यदि समय रहते पुलिस मुख्यालय विदेशी फंडिंग की निगरानी का तंत्र विकसित कर लेता तो यह बात काफी समय पहले ही पकड़ में आ जाती।