भोपाल: लघु वनोपज संघ के एमएफपी पार्क बरखेड़ा पठानी में रॉ मटेरियल ख़ासकर गुग्गल खरीदी में गड़बड़झाला की जांच रिपोर्ट कंप्लीट हो गई है। एसीएफ द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के अनुसार प्रभारी एसडीओ सुनीता अहिरवार को क्लीन किट दे दी गई। जबकि महंगी कीमत पर गुग्गल खरीदने के लिए तत्कालीन सीईओ पीजी फुलजले को कसूरवार बताया जा रहा है। हालांकि इस मामले में सेवानिवृत्ति पीसीसीएफ डॉ दिलीप कुमार का नाम भी सामने आ रहा है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार एमएफपी पार्क के लिए ₹1700 किलो की दर से गुग्गल आर्यन फार्मेसी से खरीदने की अनुमति तत्कालीन एएमडी डॉ दिलीप कुमार ने दी थी और भुगतान एमएफपी पार्क के तत्कालीन सीईओ और वर्तमान सीसीएफ लघुवनोपज संघ पीजी फुलजले ने दी थी। प्रभारी एसडीओ सुनीता अहिरवार ने केवल प्रस्ताव बनाया था। इसी आधार पर उन्हें क्लीनचिट दे दिया गया।
टेंडर में गुग्गल के लिए हर्बल ऑटोमेशन हरिद्वार का रेट 930 रूपये प्रति किलोग्राम था। एमएफपी पार्क के कर्ताधर्ताओं ने हर्बल ऑटोमेशन हरिद्वार से खरीदी न करके आर्यन फार्मेसी से ₹1700 की कीमत पर 4000 किलो खरीदी की। जांच प्रतिवेदन के अनुसार टेंडर में L-1 और L-2 के प्रस्ताव को निरस्त किए बिना ही तत्कालीन एएमडी डॉ दिलीप कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 2022 में हुए एमओयू फर्म आर्यन से खरीदने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद भुगतान तत्कालीन सीईओ फुलजले ने की।
क्या था मामला..
एमएफपी पार्क के प्रबंधक ने गूग्गल सहित प्रष्टपर्णी, काली मिर्च, हींग, पुनर्नवा आदि रॉ मैटेरियल की खरीदी के लिए टेंडर किया था। टेंडर में गुग्गल के लिए हर्बल ऑटोमेशन हरिद्वार का रेट 930 रूपये प्रति किलोग्राम था। एसपी पार्क के कर्ताधर्ता ने हर्बल ऑटोमेशन हरिद्वार से खरीदी न करके आर्यन फार्मेसी से ₹1700 की कीमत पर 4000 किलो खरीदी की। हर्बल ऑटोमेशन हरिद्वार फर्म से न तो वर्क आर्डर दिया गया और न किसी प्रकार का पत्राचार किया गया।
आर्यन से खरीदी से संघ को 30 लाख 80000 रुपए का अधिक भुगतान करना पड़ा है। प्रभारी एसडीओ एवं उत्पादन प्रबंधक सुनीता अहीरवार के कार्यकाल में 6 करोड़ों की सरकारी सप्लाई में 3 करोड़ से अधिक की रॉ -मटेरियल ख़रीदी के भुगतान किये गये है, जिसमें 2 करोड़ के बिल तो आर्यन फ़ार्मेसी के थे। इसके अलावा 30-35 लाख के मरम्मत के भुगतान किये जा चुके है।
इनका कहना..
गुग्गल खरीदी की जांच रिपोर्ट आ गई है। जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार खरीदी में स्थापित प्रक्रियाओं और नियम का पालन नहीं हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 2022 में हुए एमओयू से खरीदी करना नियम विरुद्ध है। भुगतान भी नियम विरुद्ध किया गया है। जांच प्रतिवेदन की परीक्षण के उपरांत अगली कार्यवाही की जाएगी।
बिभाष ठाकुर, एमडी लघु वनोपज संघ