राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द, मानहानि मामले में फैसला आने के बाद एक्शन


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स्टोरी हाइलाइट्स

'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है..!

कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस एक्शन के बाद राहुल गांधी 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। आपराधिक मामले में 2 साल से ज़्यादा की सजा होने पर कानून में ऐसा प्रावधान है।

आपको बता दें, कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में ये विवादित बयान दिया था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी के उपनाम एक जैसे क्यों हैं?

सारे चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों है? इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

सूरत कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल की सजा सुनाई थी। फैसला सुना जाने के वक्त राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद थे। राहुल गांधी पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था। 

केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कोर्ट में जज से कहा, कि मेरी मंशा गलत नहीं थी। उन्होंने कोर्ट से कहा कि, मैंने जो भी कहा वो एक राजनेता के तौर पर कहा। मैंने हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है। सज़ा होने के बाद राहुल गांधी के वकील ने कहा, दो साल की सजा दी गई। उन्हें जमानत मिल गई है। वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकते हैं।

सजा सुनाए जाने से पहले राहुल के वकील ने जज से गुहार लगाई कि उनके बयान से किसी को नुकसान नहीं हुआ है। इस मामले में न्यूनतम सजा दी जानी चाहिए। जबकि अभियोजक पूर्णेश मोदी ने इस मामले में राहुल गांधी के लिए अधिकतम सजा और जुर्माने की मांग की थी।