अनुसंधान विस्तार एवं लोक वानिकी से मीना को हटा दो या फिर मुझे…


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स्टोरी हाइलाइट्स

शाखा के अधीक्षक और कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बन गई है कि किसके आदेश पर कम करें..!!

भोपाल: जंगल महकमे में पहली बार दो शीर्ष अफसरों के बीच स्थापित परंपराओं और अधिकारों को लेकर जंग छिड़ गई है। शाखा के कर्मचारियों से लेकर वन बल प्रमुख तक तमाशबीन बने हुए हैं। शाखा के अधीक्षक और कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बन गई है कि किसके आदेश पर कम करें। 

जब मामला हद से बाहर हो गया तब प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान विस्तार एवं लोक वानिकी पुरुषोत्तम धीमान ने हॉफ असीम श्रीवास्तव को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि शाखा से एपीसीसीएफ मोहन लाल मीना को हटाओ या फिर मुझे हटा दो। मौजूदा परिस्थिति में काम करना मुश्किल हो रहा है। 

हॉफ को लिखे पत्र में पीसीसीएफ धीमान ने उल्लेख किया है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान विस्तार एवं लोक वानिकी का अतिरिक्त प्रभार है। मेरे द्वारा विधानसभा बजट सत्र फरवरी-मार्च 2025 के दौरान पत्र क्र. 319 से समस्त कार्यालयीन पत्राचार एवं नस्तियों का संधारण प्रधान मुख्य वन संरक्षक के अनुमोदन से किये जाने बावत निर्देश जारी किये गये है। किंतु मेरे पास नस्तियाँ अनुमोदन हेतु प्रस्तुत नहीं हो रही है। 

ज्ञात करने पर पता चला कि कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत नस्तियों पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान विस्तार एवं लोक वानिकी) मोहन लाल मीना के स्तर से निराकरण हो जाता है। उन्हें कर्मचारियों से ज्ञात हुआ कि मेरे पत्र क्र. 319 पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि समस्त पत्राचार उन्ही के द्वारा संपादित किया जावेगा। मीना शाखा के कर्मचारियों का निर्देशित किया है कि केवल नीतिगत मसले ही पीसीसीएफ धीमान के अनुमोदन के लिए भेजा जाए। 

समस्त फाइलों एवं नदियों का निष्पादन उनके द्वारा किया जाएगा। प्रस्तुत नस्तियों पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा यह लिखकर नस्ती निराकृत कर वापस की जा रही है कि प्रकरण पीसीसीएफ तक भेजने की आवश्यकता नही है। नस्तियों उन्हीं (मीना) के स्तर से निराकृत होंगी। कई महत्वपूर्ण प्रकरण इनके द्वारा सीधे निराकृत कर लिये गये हैं। 

जैसे- विधानसभा सत्र में कर्मचारियों की डयूटी, वन विज्ञान केन्द्र स्थापना हेतु योजना की प्रशासकीय स्वीकृति, नई नर्सरी की स्थापना, सामाजिक वानिकी वन वृत्तों की समीक्षा बैठक कार्यवाही विवरण अनुमोदन, क्षेत्रीय अधिकारियों की दौरा दैनंदिनियां और क्षेत्रीय कार्यशालाओं हेतु एजेंडा निर्धारण। 

जनवरी में ही लिख दी गई थी टकराहट की इबारत..

6 जनवरी को एपीसीसीएफ मीना के खिलाफ गंज बैतूल पुलिस बल ने महिला प्रताड़ना के मामले एफआईआर दर्ज किया और अगले दिन 7 जनवरी को उन्हें अनुसंधान विस्तार एवं लोक वानिकी का  शाखा का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। इस आदेश पर महकमे के ही शीर्ष अफसर हतप्रभ रहे। 

जंगल महकमे के इतिहास में यह पहला प्रकरण है कि महिला प्रताड़ना को लेकर जिस एपीसीसीएफ मोहन मीणा के विरुद्ध उसी अफसर को अगले दिन 7 जनवरी को अनुसंधान विस्तार एवं लोकवानिकी शाखा का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। एपीसीसीएफ मीना को अनुसंधान विस्तार एवं लोकवानिकी शाखा का अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश पीसीसीएफ विवेक जैन ने जारी कर दिया है। 

अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के साथ ही वन भवन के शीर्ष अफसरों में चर्चा थी कि पीसीसीएफ धीमान और एपीसीसीएफ मीना के बीच कोल्ड वॉर होने की संभावना बढ़ गई थी। अतिरिक्त प्रभार मिलने के चार महीने की भीतर ही धीमान और मीना के बीच वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है। अब वन भवन के शीर्ष अफसरों की नजरें हॉफ असीम श्रीवास्तव के निर्णय पर टिकी है।