स्टोरी हाइलाइट्स
Shani Pradosh 2020: हिंदू पंचाग के अनुसार एक महीने में दो प्रदोष तिथि आती है। जो क्रमश: शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की होती है। इस तरह एक साल में 24 प्...
Shani Pradosh 2020: हिंदू पंचाग के अनुसार एक महीने में दो प्रदोष तिथि आती है। जो क्रमश: शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की होती है। इस तरह एक साल में 24 प्रदोष आती है। प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष के व्रत का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिन शिव आराधना का विशेष महत्व है और उस तिथि से संबंधित तिथि के देवता की उपासना भी की जाती है। इसलिए भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत को करना चाहिए।
शनि प्रदोष पर करें शनि आराधना
इस महीने 21 मार्च, शनिवार को प्रदोष है। शनिवार को प्रदोष होने के कारण इस प्रदोष को शनि प्रदोष कहा जाता है। मान्यता है कि प्रदोष का व्रत रखकर विधि-विधान से शिवलिंग की पूजा करने से पापों के नाश के साथ सभी सुखों की प्राप्ति होती हैऔर साथ ही पुत्र की प्राप्ति का वर मिलता है । 21 मार्च को शनि प्रदोष के अवसर पर शनि महाराज की आराधना कर उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है। शनि दोष के उपाय किए जा सकते हैं और शनि महाराज से संबंधित पीड़ा का क्षमण किया जा सकता है। शनि ग्रह के दोष, साढ़ेसाती, शनि की ढैया से संबंधिक कार्य इस दिन किए जा सकते हैं।
प्रदोष काल में करे शिव आराधना
संध्या के समय को प्रदोष काल कहा जाता है, इसलिए शनि प्रदोष के दिन प्रदोष काल में शिव आराधना करने से शिव कृपा प्राप्त होती है। शनि पूजा भी शाम के समय की जाती है इसलिए इस दिन शाम के समय शनि पूजा का विशेष महत्व है। शनि संबंधित दान किया जा सकता है और शनि संबंधित उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाना चाहिए, शनि महाराज के मंत्रों का जाप करना चाहिए और शनि चालीसा, शनैश्चरस्तवराज:, शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
शिव पूजा में शिवलिंग पर बिल्वपत्र, सफेद फूल, भांग, धतूरा, रोली, अक्षत, मेंहदी आदी चढ़ाएं। सफेद मिठाई, फल, पंचमेवा, पंचामृत आदी का भोग लगाएं। इन उपायों से प्रदोष तिथि को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।