महिलाओं की साथी बन गई है टेक्नोलॉजी बस इस तरह इस्तेमाल करें


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स्टोरी हाइलाइट्स

घर की नानी दादी या मम्मियों को पहले के समय में जितने काम करने पड़े है वे आज के समय में नाममात्र के ही बचे हैं, ऐसा लगातार बदलती तकनीक के चलते हो पाया है. इसलिए हम यह कह सकते हैं कि आज तकनीक नए जमाने की महिलाओं के लिए सच्ची साथी साबित हुई है..!

टेक्नोलॉजी महिलाओं की सच्ची साधी

यद कीजिए जब हमारी दादी या मां जिन रसोइयों में खाना पकाती थीं, वहां चूल्हे को हरदम फूंकना पड़ता था। अंगीठी हुई तो उसमें आग बनी रहे इसलिए बार-बार कोयले डालने पड़ते थे। उठते धुएं से खांसी आ जाती थी। आंखों से पानी बहने लगता था। ऊपर से रसोई की सारी दीवारें और छत भी काली हो जाती थी। लेकिन आज देखिए। इधर लाइटर जलाया, उधर गैस जल गई। दिन-रात कभी भी जलाओ, कुछ भी पकाओ। अंगीठी या चूल्हा जलाने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना है।

किसी मेहमान के आने पर पुरानी महिलाओं की तरह यह चिंता नहीं कि अरे चूल्हा तो बुझ गया, अब कैसे कुछ पकाऊं। या कि अचानक आई बारिश ने लकड़ियां और कंडे गीले कर दिए अब चूल्हा जले तो कैसे? जिस दाल को भगौने में पकाने में घंटों लगते थे, अब गैस पर कुकर रखते ही थोड़ी ही देर में पक जाती है। गैस के अलावा हीटर, हॉट प्लेट, सैंडविचमेकर, माइक्रोवेव, सोलर कुकर आदि न जाने कितने ऐसे उपकरण मौजूद हैं जो न केवल समय बचाते हैं। बल्कि थकान भी नहीं होने देते।

परिवर्तन की बयार चली

कुछ दशक पहले फिल्म देखने जाने के लिए घर वालों की सहायता लेना पड़ती थी। घर का कोई साथ हो तो फिल्म देखी जा सकती थी, वरना इंतजार करते रहो। अब टीवी कम्प्यूटर यहां तक कि मोबाइल पर भी मनचाही फिल्में देखी जा सकती है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तथा अन्य भाषाओं की फिल्में देखकर जब चाहे तब मनोरंजन किया जा सकता है। यही नहीं खाना पकाना सीखना हो, कपड़े सिलने जानने हो, साड़िया, तरह-तरह की ड्रेसेस खरीदना हो, लोककलाओं के बारे में जानकारी चाहिए, हैंडलूम मेले कब, कहां लग रहे है यह पता करना हो, तरह-तरह की कलाओं में रुचि हो, कहीं घूमने जाने की टिकट बुक करानी हो, टैक्सी या कैब बुक करनी हो, बिल पैमेंट करना हो सब बातों के लिए इंटरनेट है न। वह इन दिनों सबका सबसे बड़ा गुरु है। बाहर से किसी गुरु को बुलाने की जरूरत ही नहीं।

बदलते गए संसाधन

इसी प्रकार घर में चक्की को कब मिक्सी ने, रई या मथानी को कब ब्लेंडर ने अपदस्थ कर दिया, पता ही नहीं चला। मिक्सी में मसाले से लेकर चटनी तक आराम से पीसी जा सकती है। और कहां तो मक्खन हाथ से निकालने में घंटों लगते। थे और कहां अब ब्लेंडर से पल के पल में मक्खन निकाला जा सकता है।

घर की सफाई के लिए वैक्यूम क्लीनर से लेकर ऐसे रोबोट तक मौजूद हैं जो पलक झपकते ही घर को चमका सकते हैं। रोबोट की अगर बैटरी खत्म हो जाए तो खुद चार्जर के पास जाकर चार्ज भी हो सकते हैं और दोबारा से सफाई में जुट सकते हैं।

पहले कोई चिट्ठी या संदेसे का इंतजार रहता था, मगर अब तो हर संदेस एक क्लिक में है।