दागी एसडीओ को आईएफएस बनाने यूपीएससी के समक्ष विभाग ने परोसे गलत तथ्य


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स्टोरी हाइलाइट्स

अब डीपीसी पर उठे सवाल, शुरू हुआ शिकायतों का दौरा..!!

भोपाल: धार वन मंडल के सरदारपुर में पदस्थ दागी एसडीओ संतोष कुमार रनशोरे को आईएफएस बनवाने के लिए कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां यूपीएससी के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। इसके कारण डीपीसी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। मसलन, यूपीएससी से वन विभाग ने वनीकरण क्षतिपूर्ति पौधारोपण में वित्तीय गड़बड़ी करने के मामले में एसडीओ रनशोरे न केवल दोषी कसूरवार और उनसे 56000 की वसूली संबंधित जानकारी छुपाई। यही कारण है कि यूपीएससी ने रनशोरे के नाम पर क्लीयरेंस दे दिया। अब इसकी शिकायत यूपीएससी से की जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि 9 अक्टूबर को हुई डीपीसी जिन 23 एसडीओ के नामों को आईएफएस अवार्ड देने के लिए हरी झंडी दी गई है उनमें से एक नाम एसडीओ सरदारपुर संतोष कुमार रनशोरे का भी है। एसडीओ रनशोरे को आईएफएस दिलाने के लिए सीएफ इंदौर ने अपने अधिकार सीमा से बाहर जाकर आरोप पत्र जारी किया और आनन- फानन में जांच करा कर 56000 रिकवरी के आदेश भी जारी कर दिए। 

जबकि नियम यह है कई पहले आरोप पत्र दिया जाना था और उसके बाद विभागीय जांच विधिवत होने के बाद ही रिकवरी के आदेश जारी किए जाने थे। यह सभी प्रक्रिया पूरी करने में काम से कम 2 से 3 साल जरूर लगते आएं हैं। जंगल महकमे में कई अधिकारियों के विभागीय जांच से वर्षों से लंबित है तो फिर रनशोरे की जांच इतने कम समय में पूरी कैसे हो गई..?

इसलिए सवाल हो रहें हैं खड़े

धार जिले के सरदारपुर उपवनमंडल के एसडीओ संतोष कुमार रनशोरे, जिन पर वनीकरण क्षतिपूर्ति योजना में वित्तीय गड़बड़ी के आरोप हैं और जिनसे शासन ने ₹56,000 की वसूली भी की थी, उन्हें पदोन्नति सूची में “योग्य” माना गया है। जबकि इसी तरह के एक अन्य मामले में रामकुमार अवधिया को सूची से बाहर रखा गया है। यह निर्णय वन विभाग में पदोन्नति के दोहरे मापदंड को लेकर सवाल खड़े कर रहा है।

क्या है रनशोरे के खिलाफ मामला

संतोष कुमार रनशोरे, सहायक वनसंरक्षक उपवनमण्डलाधिकारी सरदारपुर के विरूद्ध 1.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 14 के तहत अधिरोपित आरोप का संक्षिप्त विवरण के अनुसार रनशोरे, सहायक वनसंरक्षक उपवनमण्डलाधिकारी सरदारपुर की हैसियत से दिनांक 1 जुलाई 23 से वर्तमान तक पदस्थ रहे है। इनकी पदस्थिति अवधि के दौरान इनके द्वारा शासन के निर्देशो की अवहेलना एवं शासकीय कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के फलस्वरूप आरोप अधिरोपित किये गए। 

रनशोरे पर आरोप यह कि उपवनमण्डलाधिकारी  पदस्थिति अवधि के दौरान डही सुक्ष्म सिंचाई परियोजना (पाईप लाईन) से प्रभावित 38.455 हे. वनभूमि के बदले क्षतिपूर्ति वनीकरण योजना वायल रकबा 54.733 हे. (कार्य योग्य 40 हे.) गैर वनभूमि मे वैकल्पिक वृक्षारोपण जैसे तकनीकी कार्य में कई गंभीर तकनीकी कमियां/ त्रुटिया पाई गई। मसलन, पौधा परिवहन कार्य में लापरवाही, सर बोझ परिवहन और पौधा रोपण कार्य में लापरवाही, प्रथम निदाई कार्य में लापरवाही एवं अनियमितता, कन्टूर बीज बुआई में लापरवाही एवं अनियमितता और वर्मी कम्पोस्ट खाद परिवहन मे लापरवाही एवं अनियमितता पाई गई।