कोरोना वेक्सिनेशन की प्रक्रिया पूरी दुनिया में एक जैसी -सरयूसुत मिश्रा


स्टोरी हाइलाइट्स

कोरोना वेक्सिनेशन की प्रक्रिया पूरी दुनिया में एक जैसी: भारत में कुछ भी हो और उसमें राजनीति न हो ऐसा कभी हो नहीं सकता........

कोरोना वेक्सिनेशन की प्रक्रिया पूरी दुनिया में एक जैसी 45 साल से कम उम्र वालों का वेक्सीनेशन अभी नहीं -सरयूसुत मिश्रा भारत में कुछ भी हो और उसमें राजनीति न हो ऐसा कभी हो नहीं सकता. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ और उसमें विरोधी दलों ने अपनी राजनीति चमकाने का खेल शुरू कर दिया. महाराष्ट्र और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मांग की कि 18 वर्ष की आयु से अधिक सभी लोगों को बैक्सीन लगाई जाए. कांग्रेस के नेता मांग करने लगे कि सभी को निशुल्क वैक्सीन लगाई जाए. कोरोना एक ऐसी बीमारी है, जो किसी एक देश में नहीं बल्कि दुनिया के सभी देशों में है और सभी देश इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन के दौर से गुजर रहे हैं. भारत सरकार ने भी देश में वैक्सीनेशन के लिए सभी व्यवस्थाएं की हैं. देश में तेजी से वैक्सीनेशन हो रहा है. वैक्सीनेशन में भी राजनीति करने वाले बयानवीरों को दरकिनार करते हुए भारत सरकार ने 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया है. भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोरोना पर नियंत्रण के लिए कई स्तर पर कदम  उठाए जा रहे हैं. 18 साल से अधिक सभी लोगों को वैक्सीनेशन लगाया जा रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि पहले यह समझने की जरूरत है कि वैक्सीनेशन का उद्देश्य यह नहीं है कि जो चाहे उसका वैक्सीनेशन हो जाए. इसका उद्देश्य है कि जिनको आवश्यकता है, उनका समय पर वैक्सीनेशन हो सके. वर्तमान हालात में सबसे जरूरी है कि देश के हेल्थ केयर सिस्टम को सुरक्षित बनाया जाए. इसलिए सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर सिस्टम में संलग्न लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. इसके बाद बुजुर्गों को वैक्सीनेशन,जिन्हें सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता है. उन्हें टीके लगाए गये लगाए जा रहे हैं. वर्तमान में 45 वर्ष आयु से अधिक सभी लोगों को वैक्सीन लगाए जा रहे हैं. भारत सरकार के सचिव ने बताया कि विश्व के सभी देशों ने वैक्सीनेशन के लिए इसी तरह की नीति अपनायी है. यूनाइटेड किंगडम ने वैक्सीनेशन की शुरुआत पहले 65 से अधिक उम्र के सीनियर सिटीजन से की. बाद में 60 से 65 वर्ष के सीनियर लोगों को टीके लगाए गए. बाद में इसे 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण तक ले जाया गया. फ्रांस ने भी वैक्सीनेशन की यही नीति अपनाई. स्वीडन ने 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के वैक्सीनेशन की नीति के साथ शुरुआत की है. अमेरिका ने फ्रंटलाइन वर्कर्स का पहले वैक्सीनेशन किया और फिर 75 साल की उम्र से अधिक आयु के लोगों को प्राथमिकता दी. प्राथमिकता क्रम में आयु की सीमा निर्धारित की गयी है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दुनिया में कोई भी देश नहीं है जो 45 साल की उम्र से कम उम्र के लोगों को कोरोना से बचाव का वैक्सीनेशन कर रहा हो. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस महामारी को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम  उठाए जा रहे हैं. वैक्सीनेशन भी जरूरत के मुताबिक प्राथमिकता क्रम में किया जा रहा है. आवश्यकता होने पर कम उम्र के लोगों को भी वेक्सीन लगाया जाएगा. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को सुझाव दिया है कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को प्राथमिकता क्रम में करें. जिन क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण ज्यादा है और लोग इस महामारी से बड़ी संख्या में मर रहे हैं, वहां वैक्सीनेशन को प्राथमिकता दें। वैक्सीनेशन से इम्युनिटी के विकास पर अभी भी वैज्ञानिक लगातार शोध और अध्ययन कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि वैक्सीनेशन से संक्रमण और मृत्यु की दर को रोकने में सफलता मिल रही है. यद्यपि कोरोना की दूसरी लहर से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन वैक्सीनेशन के कारण जीवन पर खतरा कम हुआ है.