इस बार बजट में खास जगह बनाएंगे बच्चे, केंद्रीय बजट का लाभ उठाने की कोशिश..


स्टोरी हाइलाइट्स

सरकार की तैयारी है कि इस बार बच्चों के लिए विभिन्न विभागों में किए जाने वाले प्रावधानों को अलग से प्रस्तुत किया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजट तैयारी पर मंत्रियों व अफसरों की बैठक में यह निर्देश दिये हैं। 

भोपाल: मप्र सरकार के आगामी वित्त वर्ष 22-23 के लिये मार्च में प्रस्तुत होने वाले प्रदेश के बजट में इस बार बच्चों पर भी अलग से प्रावधान करने की कोशिश की जा रही हैं। यह मप्र सरकार का विचार होगा। 

सरकार की तैयारी है कि इस बार बच्चों के लिए विभिन्न विभागों में किए जाने वाले प्रावधानों को अलग से प्रस्तुत किया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बजट तैयारी पर मंत्रियों व अफसरों की बैठक में यह निर्देश दिये हैं। 

माना जा रहा है कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है कि क्योंकि सरकार बच्चों के विकास के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। इन्हें अब प्रमुखता से उभारा जाएगा।

इस बार बजट में खास जगह बनाएंगे बच्चे..

केंद्रीय बजट का लाभ उठाने की कोशिश..

मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और अधिकारियों को केंद्रीय बजट का अधिक से अधिक लाभ उठाने के निर्देश दिये। आवास, अधोसंरचना, कुटीर, लघु एवं मध्यम उद्यम, औद्योगिक विकास, सड़क निर्माण, जल जीवन मिशन सहित अन्य क्षेत्रों में जो प्रावधान केंद्र ने किए गए हैं, उनका अध्ययन करके प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा गया है। 

राज्य के बजट के इसके अलावा प्रदेशवासियों से मिले लगभग तीन हजार से ज्यादा सुझाव का भी अध्ययन करने को कहा गया है।

बजट को लेकर यह बैठक करीब पांच घंटे चली। इसमें पिछले दिनों की विभागवार बैठक में जो दिशा निर्देश दिए गए थे, उनके पालन की जानकारी ली गई। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों से कहा कि 30 दिन काम करें और एक दिन समीक्षा के लिए रखे।

मंत्रियों ने की लोनिवि की शिकायत..

बताया जाता है कि इस बैठक में मंत्रियों ने लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन इकाई के कामों को लेकर आपत्ति उठाई मंत्रियों ने कहा कि पीआईयू समय पर काम पूरे नहीं करती और गुणवत्ता को लेकर भी शिकायतें हैं। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागों के साथ बैठक करके समन्वय बनाएं गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। दोषी ठेकेदारों के प्रति किसी तरह की सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। ठेकेदारों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था बनाए सड़कों के रखरखाव में किसी तरह का विलंब नहीं होना चाहिए।

जो भी दिशा निर्देश दिए जाते हैं, उनका पूरी तरह पालन समय सीमा में होना चाहिए। महिला एवं बाल विकास विभाग की चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री का पूरा फोकस बच्चों के सर्वांगीण विकास और चाइल्ड बजट पर था। 

दरअसल पूरक पोषण आहार हो या फिर छात्रवृत्ति, बच्चों के लिए सरकार कई प्रावधान करती है। इन्हें चाइल्ड बजट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। कुपोषण बड़ी समस्या है और प्रदेश को इससे मुक्त करने के लिए पूरक पोषण आहार देने के साथ विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये अतिरिक्त तौर पर दिए जा रहे हैं। 

आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका के निर्माण के साथ अन्य गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। चूंकिएनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार बाल अपराध के मामले मध्य प्रदेश में सर्वाधिक हैं। सरकार का प्रयास है किचाइल्ड बजट के माध्यम से बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना का दूसरा चरण भी जल्द लागू होगा।