भोपाल: जंगल महकमे के इतिहास में पहली बार किसी डीएफओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर सड़कों पर आदिवासियों ने प्रदर्शन किया है। आदिवासियों की नाराजगी 3 साल से काष्ठ एवं बांस लाभांश वितरण नहीं और बालाघाट के लालबर्रा बाघिन के रहस्यमयी मौत और उसे जलाने की घटना के एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक डीएफओ अधर गुप्ता पर कोई कार्रवाई नहीं होने को लेकर थी। यहां यह उल्लेखनीय है कि डीएफओ अधर गुप्ता को हटाने का प्रस्ताव एसीएस अशोक वर्णवाल लंबित है।
मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद ने बालाघाट दक्षिण सामान्य वन मंडल डीएफओ अधर गुप्ता को निलंबित किए जाने की मांग लेकर मंगलवार को डीएफओ कार्यालय और कलेक्ट्रेट का घेराव किया। मप्र आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने बताया कि बाघिन के रहस्य मौत मामले में अभी तक डीएफओ अधर गुप्ता के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसी के विरोध में यह प्रदर्शन किया गया।
आदिवासी समाज से जुड़े सभी लोग मंगलवार को दोपहर 12 बजे वीरांगना रानी दुर्गावती भवन से रैली निकालकर डीएफओ कार्यालय पहुंचे, जहां कार्यालय का घेराव कर वनमंडलाधिकारी का पुतला दहन। उल्लेखनीय है कि वन परिक्षेत्र लालबर्रा के बहियाटिकुर बीट के वन कक्ष क्रमांक 443 में बाघिन की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी।
पोटूटाला नहर के पास बाघ का शव पाया गया था। 2 अगस्त को बाघ के शव को जलाकर नष्ट कर दिया गया। इसकी जानकारी वाट्सएप के माध्यम से सामने आई, तब मामले का खुलासा हुआ। इस प्रकरण में प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख ने डीएफओ अधर गुप्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। प्रथम दृष्टया इस मामले में डीएफओ अधर गुप्ता को कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता का दोषी माना है।
तीन साल से नहीं हुआ काष्ठ और बांस लाभांश वितरण
dfo अधर गुप्ता जब उत्पादन थे तब वित्तीय वर्ष 20-21, 21-22 और 22-23 तीन साल का बांस और काष्ठ लाभांश का भुगतान नहीं हुआ। इसकी मुख्य वजह dfo ही हैं. इन्होंने बाउचर नहीं बनाया और लाभांश की राशि भोपाल से आई और वह सिरेंडर हो गई। अब मामला CM हेल्पलाइन में पहुंच गया। सीएम हेल्प लाईन में दर्ज शिकायत (क्रमांक 30944888) में शिकायतकर्ता झुन्नालाल पनकू का कहना है कि बांस लाभांश का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
क्यों सड़कों पर आना पड़ा आदिवासी विकास परिषद को?
डीएओ अधर गुप्ता को हटाने का प्रस्ताव एक महीने से मंत्रालय में लंबित है। सूत्रों के अनुसार बालाघाट कम गौरव चौधरी ने घटना के तीसरे दिन ही आधार गुप्ता को हटाने संबंधित प्रस्ताव वन बाल प्रमुख को भेज दिया था। यही नहीं एपीसीसीएफ वन्य प्राणी शाखा एल कृष्णमूर्ति ने डीएफओ अधर गुप्ता के स्पष्टीकरण से असहमत होते हुए एक्शन लेने की अनुशंसा की है। इसी आधार पर वन बल प्रमुख वीएन अम्बाड़े ने भी डीएफओ गुप्ता की हटाने का प्रस्ताव एसीएस वन अशोक वर्णवाल को 23 दिन पहले ही भेज दिया परंतु आज दिनांक कोई नहीं लिए जाने के परिणाम स्वरुप ही आदिवासी विकास परिषद को सड़कों पर आना पड़ा है।