धर्म (DHARMA) क्या है ?
What is religion (DHARMA)?
भारत एक विशाल राष्ट्र है इस राष्ट्र के लोगों की अनेक प्रकार की धार्मिक आस्थाएँ हैं। भारतीय समाज को शास्त्रीय अर्थों में समझने के लिए हिन्दू धर्म को जानना आवश्यक है |
आज का युग विज्ञान का युग है, किन्तु इसके साथ ही प्रत्येक देश और समाज में धर्म का भी अस्तित्व बना हुआ है इसका कारण मानवीय मन-मस्तिष्क के वे प्रश्न हैं | जिनका कि उत्तर विज्ञान नहीं देता। मनुष्य की मृत्यु के बाद के जीवन, पुनर्जन्म, आत्मा इत्यादि से संबंधित प्रश्नों का उत्तर विज्ञान के पास नहीं है, लेकिन धर्म ऐसे अनेक प्रश्नों और रहस्यों के प्रश्नों का समाधान लिए हुए है। धर्म के माध्यम से प्राप्त उत्तरों को न तो विज्ञान प्रमाणित कर सकता है और न ही अप्रमाणित। इसी कारण लोगों की आस्था और विश्वास ईश्वर और धर्म से जुड़ी है। धर्म आज भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण, सामाजिक एकीकरण, स्वस्थ मनोरंजन, सामाजिक स्थायित्व एवं सामाजिक नियंत्रण के कार्य करके अपना महत्व बनाए हुए है।
धर्म क्या है? इसकी सबसे सरल एवं संक्षिप्त परिभाषा टायलर ने यह कहकर की है, "अलौकिक शक्ति में विश्वास का नाम धर्म है।" अलौकिकता का आधार भी विश्वास है। पेड़, पौधा, मनुष्य, पत्थर सजीव और निर्जीव वस्तु के आधार पर ही अलौकिक शक्ति में विश्वास और तत्संबंधी पवित्रता के आचरणों की समस्त व्यवस्था है, लेकिन कुछ समुदायों में यह अलौकिक शक्ति के साथ कर्म के रू में भी जुड़ा हुआ है, जैसे हिन्दू धर्म और दर्शन में धर्म की व्याख्या "कर्म ही धर्म हैं के रूप में की गई है। यह अंग्रेजी शब्द रिलीजन का हिन्दी रूपान्तरण नहीं है बल्कि यह निष्काम कर्म, सत्कर्म और नैतिक कर्म से जुड़ी हुई धारणा है।