भोपाल: राज्य सरकार ने उज्जैन एवं जबलपुर में जू कम रेस्क्यु सेंटर खोलने की घोषणा की हुई है तथा पहले चरण में उज्जैन में जू बनाने के लिये बजटीय प्रावधान भी किया है लेकिन ये दोनों जू सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद ही बन पायेंगे क्योंकि जंगल के अंदर जू सह रेस्क्यू सेंटर बनाने के लिये अनेक पक्के निर्माण कार्य होते हैं जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गैर वानिकी गतिविधि माना है।
उल्लेखनीय है कि उज्जैन में जू बनाने के लिये केंद्र सरकार के चिडियाघर प्राधिकरण से सैध्दांतिक मंजूरी मिल गई है जबकि जबलपुर में स्थापित किये जाने वाले जू के लिये अभी डीपीआर तैयार नहीं हुई तथा यह बनने के बाद इसे चिडियाघर प्राधिकरण की मंजूरी के लिये भेजा जायेगा। इधर मप्र सरकार के वन विभाग ने उज्जैन के जू की मंजूरी के लिये सुप्रीम कोर्ट में आवेदन लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
वन्यपाणियों के संरक्षण के लिये जू सह रेस्क्यु सेंटर बनाना वानिकी गतिविधि माना जाये, यह आवेदन में उल्लेखित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि यदि जू सह रेस्क्यु सेंटर राजस्व भूमि पर बनाया जाये तो इसके लिये सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी लेने की जरुरत नहीं होती है। लेकिन उज्जैन में जंगल की भूमि पर इसे बनाना प्रस्तावित है।