वैज्ञानिक वन प्रबंधन के तहत 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्ष कटाई की तैयारी


Image Credit : X

स्टोरी हाइलाइट्स

राज्य के 38 वन मंडलों और एक टाइगर रिजर्व में कार्ययोजना अनुसार होगी कटाई..!!

भोपाल: मध्य प्रदेश के विशाल वन भंडार के संरक्षण और प्रबंधन के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस वर्ष एक लाख आठ हजार नौ सौ अड़तीस हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षों की वैज्ञानिक कटाई की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी है। यह कटाई उन 37 वनमंडलों और एक टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में की जाएगी जहाँ कार्ययोजना (वर्किंग प्लान) स्वीकृत है।

वन विभाग के अनुसार प्रत्येक वनमंडल के लिए दस वर्षों की एक कार्ययोजना तैयार की जाती है, जिसके तहत वन संरक्षण, वृक्ष संवर्धन और वैज्ञानिक दोहन की प्रक्रिया निर्धारित होती है। इन योजनाओं में उन क्षेत्रों को चिन्हित किया जाता है जहाँ वृक्ष कटाई की आवश्यकता होती है — ताकि पुराने, सूखे या भीड़भाड़ वाले वृक्षों के स्थान पर नए पौधों की वृद्धि हो सके।

यह कटाई वैज्ञानिक पद्धति से, वृक्षों पर मार्किंग कर की जाती है जिससे पुनर्जनन की प्रक्रिया सुरक्षित रहे। कटाई के बाद प्राप्त लकड़ी को विभिन्न वन डिपो के माध्यम से विक्रय किया जाता है, जिससे राज्य को राजस्व प्राप्त होता है।

राज्य का कुल वन क्षेत्र 94,689 वर्ग किलोमीटर है, जो 55 जिलों में फैले 63 वनमंडलों में विभाजित है। इनमें से 58 वर्किंग प्लान प्रभावशील हैं, जबकि 5 योजनाएँ परीक्षणाधीन हैं। इस वित्तीय वर्ष में वन संरक्षण, मुनारा मरम्मत, अग्नि नियंत्रण उपाय और पौधरोपण जैसे कार्यों के लिए 639 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।\

वन विभाग का यह कदम सतत विकास और संवर्धन के वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रतीक माना जा रहा है — जहाँ पेड़ काटे भी जाएंगे, तो उनकी जगह नया वन भी जन्म लेगा।