अब तीन माह के ट्रायल रन के बाद ही ग्रामों को सौंपी जाएंगी पेयजल योजनाएँ


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स्टोरी हाइलाइट्स

16 हजार से अधिक ग्रामीण जल योजनाओं पर लागू हुआ नया नियम, ठेकेदारों को करनी होगी जवाबदेही..!!

भोपाल: ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की गुणवत्ता और स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जल जीवन मिशन के तहत तैयार 16,215 ग्रामीण पेयजल योजनाएँ अब सीधे हस्तांतरित नहीं होंगी, बल्कि ठेकेदारों द्वारा तीन माह के ट्रायल रन के बाद ही ग्राम समितियों को सौंपी जाएंगी।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव दीपाली रस्तोगी ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।

राज्य में कुल 26,478 एकल ग्राम नलजल योजनाएँ स्वीकृत की गई थीं, जिनमें से 10,263 योजनाएँ पहले ही ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समितियों को सौंप दी गई हैं। शेष योजनाएँ अब इस नये त्रि-मासिक परीक्षण प्रक्रिया से गुजरेंगी।

निर्देशों के अनुसार ठेकेदार को ट्रायल रन प्रारंभ करने से पूर्व ग्राम समिति को सूचित करना होगा। यह ट्रायल रन ग्राम समिति के अध्यक्ष, सदस्यों और ग्रामीणों की उपस्थिति में शुरू होगा। दूसरे माह में ग्राम सभा आयोजित कर सभी कनेक्शनधारियों से अभिमत लिया जाएगा, जिसमें जल आपूर्ति, दबाव, गुणवत्ता और रखरखाव पर चर्चा होगी।

कमियाँ पाए जाने पर ठेकेदार को उन्हें सुधारना होगा। सभी कमियाँ दूर होने पर ही ट्रायल रन पूर्ण माना जाएगा और योजना समारोहपूर्वक समिति को हस्तांतरित की जाएगी।

यह नई व्यवस्था ग्रामीण जल आपूर्ति में जवाबदेही और पारदर्शिता का नया अध्याय खोलेगी।