भोपाल की धरती पर उजागर हुआ 25,000 करोड़ का कथित भूमि एवं रजिस्ट्री घोटाला


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स्टोरी हाइलाइट्स

गैमन इंडिया, दीपमाला इंफ्रास्ट्रक्चर, सृष्टि सीबीडी सहित अन्य कंपनियों पर गंभीर आरोप- न्यायालयीन व पुलिस जांच प्रारंभ..!!

भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी में एक बार फिर हज़ारों करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले ने शासन-प्रशासन को झकझोर दिया है। वॉच लीग भोपाल की प्रमुख सुश्री चंदना अरोड़ा ने पत्रकार वार्ता में खुलासा किया कि गैमन इंडिया, दीपमाला इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि., बरबेरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. एवं सृष्टि सीबीडी परियोजना से जुड़े अभिजीत राजन, रमेश शाह सहित अन्य साझेदारों ने मध्यप्रदेश शासन के साथ मिलकर लगभग 25,000 करोड़ रुपये का अवैध आर्थिक घोटाला किया है।

इस संबंध में विस्तृत शिकायतें थाना एम.पी. नगर, थाना टी.टी. नगर, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW), प्रवर्तन निदेशालय (ED), प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश तथा कलेक्टर भोपाल के समक्ष दर्ज कराई गई हैं।
अरोड़ा ने बताया कि उक्त कंपनियों ने शासन की बेशकीमती 14.88 एकड़ भूमि, जो खसरा नंबर 1488, साउथ टी.टी. नगर, भोपाल स्थित है, को लीज पर लिया था। परंतु मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 2017 में यह लीज निरस्त कर दी थी। इसके बावजूद, इन कंपनियों द्वारा सृष्टि सीबीडी परियोजना में वाणिज्यिक दुकानों, कार्यालयों एवं आवासीय फ्लैटों की अवैध बिक्री व रजिस्ट्री का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है।

निरस्तीकरण के उपरांत की गई सभी रजिस्ट्रियाँ, भूमि हस्तांतरण व लेन-देन विधि-विरुद्ध हैं। यह पूरा प्रोजेक्ट, शासन के अधिकार एवं स्वामित्व में आने के बाद भी निजी कंपनियों के कब्जे में बना हुआ है।

गैमन इंडिया के सृष्टि सीबीडी प्रोजेक्ट से जुड़ी धोखाधड़ी को लेकर थाना एम.पी. नगर में अपराध क्रमांक 348/2018 धारा 420, 418, 406 भा.दं.सं. के अंतर्गत दर्ज है। इस मामले में रमेश शाह और पंकज यादव नामक आरोपियों के विरुद्ध भोपाल न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

जानकारी के अनुसार रमेश शाह फिलहाल फरार हैं, जबकि न्यायालय में अभिजीत राजन व गैमन इंडिया के अन्य साझेदारों को आरोपी बनाए जाने की प्रक्रिया जारी हैं।

धन के प्रवाह में संदिग्धता, विभागों की भूमिका पर प्रश्नचिह्न

शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि दीपमाला इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. के माध्यम से की जा रही रजिस्ट्री की राशि वास्तव में बरबेरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. के खातों में जमा की जा रही है — और इन दोनों संस्थाओं के संचालन का सूत्रधार अभिजीत राजन ही है।
इस पूरे प्रकरण में रजिस्ट्रार कार्यालय एवं रजिस्ट्री विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। आरोप है कि बिना वैधानिक अनुमति के निरस्त भूमि पर रजिस्ट्रियाँ जारी रखी गईं।

इसके मद्देनज़र टी.एन.सी.पी., नगर निगम भोपाल, मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड, रजिस्ट्रार कार्यालय, बैंकिंग संस्थान तथा अन्य संबंधित विभागों से सूचना के अधिकार (RTI) के तहत विस्तृत दस्तावेज़ मांगे गए हैं।

इस कथित घोटाले से जुड़े 20 से अधिक आरोपियों के विरुद्ध 100 से अधिक दस्तावेज़ों सहित विस्तृत आवेदन 7 नवम्बर 2025 को EOW, ED, PMO, कलेक्टर भोपाल, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत किया गया है।
अरोड़ा ने बताया कि अभिजीत राजन के नेतृत्व वाली गैमन इंडिया पहले भी भारत सरकार एवं विभिन्न राष्ट्रीय बैंकों के साथ लगभग 14,000 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटालों में आरोपित रही है।

भोपाल की यह भूमि राजधानी के सर्वाधिक मूल्यवान क्षेत्रों में से एक मानी जाती है। शासन द्वारा निरस्त की गई लीज के बावजूद निजी स्वार्थ में संपत्ति की अवैध बिक्री न केवल राजस्व की व्यापक क्षति है, बल्कि शासनिक तंत्र की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न है।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य शासन, वित्तीय अन्वेषण एजेंसियाँ एवं न्यायालय इस महाघोटाले में कितनी शीघ्रता और गंभीरता से कार्रवाई करते हैं।