भोपाल: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत का रहस्य अभी बरकरार है। इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छुट्टी पर गए बांधवगढ़ के फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और अधीक्षक फतेह सिंह निनामा को निलंबित कर संदेश दे दिया है कि अब वन्य प्राणियों की मौत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। मुख्यमंत्री के समक्ष एसीएस और वन बल प्रमुख बांधवगढ़ के नए फील्ड डायरेक्टर का नाम नहीं बता सके। एक बार फिर फील्ड डायरेक्टर का पद प्रभार रहेगा। सूत्रों के अनुसार पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ के बदले जाने की संभावना बढ़ गई है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मैं तीन दिन में 10 हाथों की मौत के बाद अब राज्य शासन द्वारा किए गए पदस्थापना को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मसलन, जब बीएन अंबाड़े को पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ बनाया तब फॉरेस्ट अधिकारियों को भी आश्चर्य हुआ, क्योंकि इस पद पर शुभ रंजन सेन जैसे अनुभवी वाइल्डलाइफर अफसर पदस्थ किए जाने की संभावना थी। 10 हाथियों की मौत के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि पूर्व की तरह इस बार भी बांधवगढ़ में टाइगर की मौत पर तत्कालीन पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ रवि श्रीवास्तव और एचएस पावला को भी बदल गया था।
सवाल यह भी उठ रहा है कि किरण बिसेन, बृजेंद्र झा, रविंद्र मणि त्रिपाठी और अनिल शुक्ला जैसे वाइल्डलाइफ का अनुभव रखने वाले अफसरों को दरकिनार कर गौरव चौधरी को किसकी सिफारिश से फील्ड डायरेक्टर बांधवगढ़ बनाया गया। जबकि चौधरी मैनेजमेंट कोटे से वन वृत में पोस्टिंग चाहते थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव को टाइगर रिजर्व और सेंचुरियों में अधिकारों की पोस्टिंग करने से पहले उनकी फीडबैक भी एकत्रित करवाना चाहिए।
कान्हा के फील्ड डायरेक्टर का प्रभार डिप्टी डायरेक्टर के पास
राज्य शासन ने कान्हा टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर का प्रभार डीएफओ स्टार के अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर पुनीत गोयल को सौंप दिया है। यानी एक ही व्यक्ति डिप्टी डायरेक्टर है और फिर वहीं फील्ड डायरेक्टर का प्रभार में है। जबकि कैडर में फील्ड डायरेक्टर का पद मुख्य वन संरक्षक अथवा वन संरक्षक स्तर के अधिकारी का है। विभाग किया परंपरा रही है और नियम भी है कि पूर्णकालिक फ्री डायरेक्ट की पदस्थापना नहीं होने पर जबलपुर सीसीएफ को प्रभाव दिया जाता रहा है। लेकिन विभाग में जंगल राज है और अब अपने-पराये के आधार पर ही पोस्टिंग और प्रभार दिए जा रहे हैं।
विभाग ने कान्हा टाइगर रिजर्व में 4 साल तक डिप्टी डायरेक्टर रहे वन संरक्षण नरेश यादव को अनुसंधान एवं विस्तार ग्वालियर में पदस्थ कर रखा है बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के निलंबित फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी के छुट्टी जाने पर संजय टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अमित दुबे को सोपा गया। संजय टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ के बीच 190 किलोमीटर की दूरी है। ऐसी स्थिति में दो दो टाइगर रिजर्व में प्रबंधन करना दुबे के लिए आसान नहीं है। पूर्व में फील्ड डायरेक्टर के रिक्त पद का प्रभार शहडोल वन वृत्त के वन संरक्षक को सौंपा गया था।