डॉ पति के निधन के बाद डेढ़ दशक से संध्या द्विवेदी को न पेंशन मिली न अनुकम्पा नियुक्ति


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स्टोरी हाइलाइट्स

जांच रिपोर्ट एवं संबंधित दस्तावेज देने के बाद भी प्रशासन नहीं मान रहा है नॉमिनी..!!

भोपाल: रीवा जिले के ब्लॉक मेडिकल ऑफिस त्यौथर में पदस्थ रहे रावेन्द्र प्रसाद द्विवेदी दिवंगत होने के बाद आज दिनांक तक उनकी पत्नी संध्या द्विवेदी को पेंशन नहीं मिला। नॉमिनी होने से संबंधित समस्त दस्तावेजों के साथ पेंशन पाने के लिए संध्या द्विवेदी ने सीएमएचओ, संभाग आयुक्त और कलेक्टर रीवा को आवेदन दिए पर कोई सुनवाई नहीं हुई। मौजूदा स्थिति में संध्या द्विवेदी की आर्थिक स्थिति बाद से बदतर हो गई है और बच्चों की परवरिश करना भी दूभर हो गया है।

संध्या द्विवेदी ने अपनी वेदना व्यक्त करते हुए बताया कि स्व. डा० रावेन्द्र प्रसाद द्विवेदी BMO त्यौथर से मेरा विवाह हिंदू रीति-रिवाज दिसंबर 1991 में हुआ और उनका निधन सेवाकाल में ही 2 अप्रैल 07 संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में हुआ। उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा अपने पति के मृत्यु की सूचना लिखित रूप से मैंने स्वयं सीएमएचओ रीवा को दी। 

यहां तक की मृत्यु सहायता राशि तक नहीं दी गई। यही नहीं, पति के मृत्यु के बाद आज दिनांक तक स्वत्व भुगतान, पेंशन और अनुकम्पा नियुक्ति मिली। जबकि दिवंगत डॉक्टर साहब ने अपनी सेवा पुस्तिका में मुझे संध्या द्विवेदी पुत्र शशांक द्विवेदी और पुत्री आशना द्विवेदी को नामिनी बनाया है।

नॉमिनी पर हुई जांच, रिपोर्ट के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं..

सीएमएचओ रीवा की संवेदनहीनता आकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेवा पुस्तिका में नाम दर्ज होने के बाद भी  इसकी सत्यता के परीक्षण के लिए चार सदस्य एक जांच दल बनाया गया। जांच कमेटी ने 8 मई 07 को नॉमिनी संबंधित जांच प्रतिवेदन सीएमएचओ रीवा को सौंप दिया। 

इसके बाद भी सीएमएचओ रीवा की संवेदना नहीं जागी। कमेटी के रिपोर्ट के बाद भी उन्हें किसी प्रकार का किसी भी मध्य में कोई भुगतान नहीं किया गया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि नॉमिनी को लेकर किसी दूसरे ने भी दावा नहीं किया है और ना ही न्यायालय से रोक है।