उपराष्ट्रपति के मुख्य आतिथ्य में 'कृषि-उद्योग समागम 2025' का शुभारंभ, देश में बड़ी छलांग लगाएगा MP


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स्टोरी हाइलाइट्स

मध्यप्रदेश में जनहित से जुड़े निरंतर बड़े निर्णय हो रहे हैं... कृषि उद्योग समागम के माध्यम से नए उद्योग स्थापना के संकल्प साकार होंगे: CM..!!

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कृषि-उद्योग समागम 2025 में हिस्सा लेने के लिए नरसिंहपुर पहुंचे, राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कैबिनेट मंत्रीगणों, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों ने नरसिंहपुर हेलीपैड आगमन पर उपराष्ट्रपति का आत्मीय स्वागत किया। आदरणीय उपराष्ट्रपति ने कृषि उद्योग समागम 2025 कार्यक्रम में 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के अंतर्गत पौधरोपण भी किया।

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नरसिंहपुर में आयोजित तीन दिवसीय "कृषि उद्योग समागम 2025" का आज आदरणीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुभारंभ किया। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल की उपस्थिति में 116 करोड़ रुपए की लागत के 86 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी किया गया। 

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अत्याधुनिक तकनीक, नवाचार और पानी की पर्याप्त उपलब्धता से हमारे प्रदेश के अन्नदाता खेती में नए प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। हमारी सरकार का संकल्प है कि कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार मिले, किसान की आय बढ़े और कृषि की जरूरत के अनुसार उद्योगों का प्रदेश में विस्तार हो।

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इस मौके पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 

'आज का कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। मैं अभिभूत हूं कि मेरे सामने बैठे युवा, नारी शक्ति और सभी लोग अन्नदाता हैं, देश के भाग्यविधाता हैं। किसान की जितनी पूजा की जाए, उतनी कम है। किसान भारत की रीढ़ की हड्डी है। किसान समरसता का प्रतीक है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मनमोहक हैं, कार्यशील हैं। वे हर पल गांव और किसान की चिंता करते हैं। इनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश सबसे बड़ी छलांग लगाएगा। ये मैं अपने सामने देख रहा हूं। क्योंकि, आज की कृषि को उद्योग से जोड़ने की जो पहल है वो बहुत बड़ी सोच का परिणाम है।' 

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दीप प्रज्ज्वलन और कन्या पूजन कर 'कृषि उद्योग समागम-2025' की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मेरा इस क्षेत्र से लगाव बहुत पुराना है। इसकी शुरुआत 2004 के आसपास हुई। मेरे मामा की पोती का यहां ससुराल है। मुझे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की वजह से कृषि उद्योग समागम जैसा कार्यक्रम देखने को मिला। देश का हर राज्य इसका अनुकरण करेगा। किसानों से कृषि का बहुत लगाव होना चाहिए। इस पहल की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। आज पूरा देश राष्ट्र भावना से ओतप्रोत है। पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। ऑपरेशन सिंदूर का लोहा दुनिया ने माना है। 

उपराष्ट्रपति ने कहा, कृषि-उद्योग समागम 2025 में सम्मिलित होकर बहुत अधिक आनंद की अनुभूति हो रही है। किसान देश के भाग्य विधाता हैं। मध्यप्रदेश कृषि को उद्योग से जोड़ने का काम कर रहा है। यह बहुत ही सराहनीय पहल है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, मनमोहक एवं कार्यशील है, साधुवाद के पात्र हैं,  इनके नेतृत्व में 'मध्यप्रदेश' विकास की दिशा में एक बड़ी छलांग लगायेगा।

आगे बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, देश का हर प्रांत "कृषि उद्योग समागम 2025" का अनुकरण करेगा। विकसित भारत का रास्ता खेत से जाता है, विकसित भारत का रास्ता गांव से निकलता है, विकसित भारत की पूंजी किसान के पास है। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे भारत के निर्माण में सहयोगी बनें जहां खेती में तकनीक, गाँव में समृद्धि और किसानों के चेहरे पर मुस्कान हो। जब किसान मुस्कुराता है, भारत आगे बढ़ता है।

किसानों का जीवन बेहतर कर रहे सीएम डॉ. यादव- उपराष्ट्रपति धनखड़
उप-राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि विकसित भारत का रास्ता किसान के खेत से जाता है, विकसित भारत का रास्ता गांव से निकलता है, विकसित भारत की कुंजी किसान के पास है। उस किसान को डॉ. मोहन यादव सृजित कर रहे हैं। इससे अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा उछाल आएगा। पूरे देश में विकसित भारत के लिए महायज्ञ चल रहा है। यह महायज्ञ हर किसी की आहुती मांगता है। सबसे निर्णायक आहुती किसान की है। मेरे किसान भाई पूरी तरह सजग हैं। यह लक्ष्य हम हासिल करके रहेंगे। मैं किसान भाइयों से अपील करूंगा कि आप अपने आपको उत्पाद तक सीमित मत रखिए, आपको इसकी मार्केटिंग से जुड़ना चाहिए। किसान को व्यापार-उद्योग में आना चाहिए, तभी उसकी तरक्की होगी। मैं मानकर चलता हूं कि मध्यप्रदेश में किसान-उद्यमी ज्यादा से ज्यादा होंगे। किसानों की राष्ट्रभक्ति और मेहनत से हम विकसित राष्ट्र का लक्ष्य 2047 से पहले ही हासिल कर लेंगे। 

मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इस मौके पर बोलते हुए कहा, हमारे मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी 24 घंटे जनसेवा को समर्पित रहते हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है। 'कृषि-उद्योग समागम 2025' --- नरसिंहपुर जिला मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक विरासत का प्रमुख केन्द्र है। जीवनदायिनी मां नर्मदा की पवित्र धरा पर आयोजित कृषि मेले में आए सभी बहनों-भाइयों का हृदय से स्वागत है।  

इस मौके पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा,  

कृषि मेलों के आयोजन सहित किसानों को हर तरह से मदद उपलब्ध कराकर उनके सर्वांगीण विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार संकल्पित है। साथ ही दुग्ध उत्पादन में देश में प्रदेश की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है।

सीएम ने आगे कहा, जुलाई में सतना, इसके बाद चंबल-मुरैना में और अक्टूबर में सीहोर में राज्य स्तरीय किसान मेला आयोजित होगा... दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि जो व्यक्ति 25 या उससे अधिक दुधारु गायों के साथ डेयरी इकाई की स्थापना करेगा, उसे प्रदेश सरकार द्वारा 25 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जाएगा।

सीएम ने आगे कहा, गेहूं उपार्जन में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है, प्रदेश में ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं की खरीदी की गई है, जो कि देश में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश में जनहित से जुड़े निरंतर बड़े निर्णय हो रहे हैं। कृषि उद्योग समागम के माध्यम से नए उद्योग स्थापना के संकल्प साकार होंगे। 

हमारी सरकार हर खेत तक सिंचाई के लिए जल पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है, इसमें प्रदेश में एक साथ शुरु की गई तीन नदी जोड़ो परियोजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से मध्यप्रदेश में एक साथ तीन नदी जोड़ो अभियान की शुरुआत की गई है। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य है, हर खेत तक सिंचाई के लिए जल पहुंचाना।

किसानों की जिंदगी बदलने के लिए मध्यप्रदेश में कृषि उद्योग समागम जैसे नवाचार किए जा रहे हैं। इन आयोजनों के माध्यम से किसानों को कृषि की उन्नत तकनीकों की जानकारी तो मिलेगी ही साथ ही कृषि आधारित उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। अन्नदाता का जीवन बेहतर से बेहतर बनाना हमारा संकल्प है।

नरसिंहपुर के किसानों की अलग ही पहचान है

कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मां नर्मदा के आशीर्वाद से आज भगवान नरसिंह के नाम की इस नगरी की अलग ही छटा दिखाई दे रही है। सच्चे अर्थों में ये हमारा पूरा प्रदेश सश्य-श्यामला है। कृषि के अलग-अलग सेक्टर में पूरे प्रदेश की अलग पहचान है। सीएम ने आगे कहा, किसानों की समृद्धि में नर्मदा नदी का महत्वपूर्ण योगदान है। मध्यप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों की अपनी एक विशिष्ट पहचान है, नरसिंहपुर की तुअर दाल, प्राकृतिक खेती और उन्नत किसानों ने देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। नरसिंहपुर के प्रगतिशील किसान न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान के लिए विख्यात हैं। उसमें भी पूरा प्रदेश एक तरफ और नरसिंहपुर एक तरफ। यहां उच्च गुणवत्ता की सभी प्रकार की फसलों के लिए विशेष व्यवस्था है। हमने सरकार बनने के बाद कई सेक्टरों में काम किया है।

मध्य प्रदेश वो धरती है, जो नदियों का मायका है। जितनी नदियां मध्यप्रदेश में हैं, वो शायद ही कहीं और हों। प्रदेश की विशेषता नहीं है कि ग्लेशियर न होने के बाद भी नदियां हैं। यहां के जंगल, यहां की चट्टाने, यहां का सौंदर्य अलग ही हैं। यहां की नदियां न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों को भी लाभ पहुंचाती हैं। मध्यप्रदेश के विकास में सबसे बड़ा आशीर्वाद मां नर्मदा का है। हम अगर किसी और राज्य में जाएं तो गर्मी के समय खेत खाली मिलेंगे, लेकिन जहां-जहां मां नर्मदा हैं, वहां खेतों में हरियाली मिलेगी।

तीन दिवसीय कृषि उद्योग समागम में कृषि यंत्र प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। यंत्रों की खरीद हेतु इच्छुक किसानों को निर्धारित अनुदान (सब्सिडी) का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में हमारी सरकार गरीब,युवा,महिला और किसानों सहित हर वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में प्रत्येक वर्ग के समग्र कल्याण हेतु निरंतर कार्य हो रहे हैं... 31 मई को प्रधानमंत्री जी एक बार पुनः मध्यप्रदेश की पावन भूमि पर पधार रहे हैं, जहां वे भोपाल से नारी सशक्तिकरण की यात्रा को नई गति और दिशा प्रदान करेंगे।

पीएम के मिशन ज्ञान पर फोकस

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन-बेतवा नदी परियोजना से मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का माहौल बदलने वाला है। इसी तरह पार्वती-काली सिंध-चंबल नदियों के जुड़ने से प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान को भी लाभ होगा। इन दो के अलावा तीसरा नदी जोड़ो अभियान भी है। गेंहूं उपार्जन के मामले में प्रदेश दूसरे नंबर पर है। प्रदेश को 30 लाख करोड़ का निवेश मिला है। इससे करीब 22 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम मिशन ज्ञान (गरीब-युवा-अन्नदाता-नारी शक्ति) पर काम कर रहे हैं। 

साल 2002-03 तक प्रति व्यक्ति आए केवल 11 हजार रुपये थी, जबकि 2025 में प्रति व्यक्ति आए 1 लाख 52 हजार हुई है। हम 90 फीसदी अनुदान देकर किसानों को सोलर पंप देगी। हम किसानों के जीवन की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। किसान जो यंत्र खरीदना चाहें, सरकार उसमें मदद करेगी। हमारी सरकार नरसिंहपुर में 102 हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल पार्क विकसित कर रही है। हमनें एयर एंबुलेंस, साइबर तहसील शुरू की। हमने राहवीर योजना शुरू की है। जो भी घायल को अस्पताल ले जाएगा, उसे हमारी सरकार 25 हजार रुपये देगी।