पंचायतों के सुशासन को सुदृढ़ बनाने, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने और पीएआई 2.0 के माध्यम से पंचायतों की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से सोमवार को पंचायत राज संचालनालय द्वारा पीएआई 1.0 के विमोचन (डिसेमिनेशन) एवं पीएआई 2.0 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न हुई।
विकास भवन, भोपाल में हुई कार्यशाला का प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास दीपाली रस्तोगी ने शुभारंभ किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायत सरपंच, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक को पुरस्कार राशि व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने कहा कि पंचायती राज की भावना को मजबूत बनाएं। पीएआई पोर्टल में सही डेटा भरें जिससे ग्राम की सच्ची तस्वीर सामने आ सके और आगामी कार्ययोजना को बेहतर बना सकें। गांव की समस्याओं का गांव में ही बैठकर निदान करें। नियमित रूप से ग्राम सभा की बैठक करें और गांव के विकास के लिए मिलजुल कर निर्णय लें। शासन से मिलने वाली राशि का पारदर्शी तरीके से उपयोग करें। पंचायत को सरकार मानकर चलें और सभी क्षेत्र में बेहतर कार्य करें। पंचायत राज संचालनालय के संचालक छोटे सिंह ने कार्यशाला में पीएआई के महत्व को बताया।
उन्होंने कहा कि पीएआई को कागज पर नहीं जमीन पर उतारा जाए। ग्राम सभा की बैठक सबसे महत्वपूर्ण होती है। कार्यशाला में भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय तथा राज्य ग्रामीण विकास संस्थान जबलपुर के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। मध्यप्रदेश संभवत: देश का पहला राज्य है जिसने पीएआई के अंतर्गत पंचायतों को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया है।
550 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल..
कार्यशाला में 550 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, जिला स्तरीय वित्त कार्यक्रम प्रबंधक/अभ्युदयिता समन्वयक, शीर्ष और निम्न रैंकिंग ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंचायत सचिव/सहायक सचिव तथा नोडल अधिकारी शामिल रहे।