आप व्यस्त हैं या अस्तव्यस्त?.....Atul Vinod लाइफ में व्यस्तताएं पाल लेना आसान है लेकिन व्यस्तता में भी खुद को व्यवस्थित रखना कठिन है| शोर और प्रदुषण से मुक्त वातावरण में बहती शुद्ध वायु का आनंद लेने की बजाए लाइफ की भागदौड़ शुरू हो जाति है| लेट उठकर जल्दी काम करने की हडबडी फ्रेश होने से लेकर ब्रश करने पर भी असर डालती है| ये अव्यवस्था न तो ढंग से शौच होने देती न दांतों की शुद्धि| जल्दबाजी में पी गयी चाय और हडबडाहट में पढ़ा गया न्यूज़ पेपर सिर्फ नकारात्मक हैडिंग भरने का जरिया बन जाता है| नाश्ता करना नहीं गीलना है| फिर फ़ोन चेक करने लगे तो घडी की सुई आगे बढ़ गयी| देखा तो जल्दबाजी में नहाया कहीं पानी पहुचा कहीं साबुन| फिर अस्तव्यस्त कपड़े पहने और भागे| रस्ते में ट्रेफिक ने स्ट्रेस बढाया| बॉस की डांट खाई काम खत्म करके घर आये मूड ऑफ, सर दर्द| ये सब व्यस्तता के साथ बढ़ने वाली अव्यवस्था के साइड इफेक्ट्स हैं| व्यस्तता के साथ जुड़ जाता है अस्त और “व्यस्तता” अस्त-व्यस्तता बन जाती है| व्यस्तता और अस्त -व्यस्तता के बीच एक छोटी सी रेखा होती है| व्यस्तता में भी व्यवस्था हो सकती है यदि हर काम को ठीक ढंग से किया जाए, सिलसिलेवार किया जाए और एक पूरा होने के बाद दूसरा किया जाए| जल्दबाजी में बेतरतीब काम अव्यवस्था के साथ व्यस्तता बढ़ाते हैं| यदि आप बहुत व्यस्त रहते हैं लेकिन आपके काम अव्यवस्थित हैं तो सुबह से नई शुरुआत करें| जल्दी उठें| प्रकृति के साथ कुछ वक्त बिताएं| इसके बाद हर काम को समय के साथ एक के बाद के शांति और धैर्य से पूरा करें| बिजी होते हुए भी आप सभ्य व्यवस्थित और सलीखेदार रह सकते हैं| सुबह की शुरुआत उन कामों से ही हो जो ज़रूरी हैं| गैर ज़रूरी काम जैसे मोबाइल में उलझ जाना| न्यूज़ पेपर में लम्बा समय लगा देना| शुरुआत गलत तो दिन ही खराब इसलिए शुरुआत सही ढंग से करने| सुबह उठते ही ब्रश के साथ ही शेविंग और नहाने लेने वाले बहुत सारा समय बचा लेते हैं | जोश में होश बनाये रखें| व्यस्त होने के बाद भी जल्दबाजी में कोई काम न करें| यदि आपके पास काम ज्यादा है तो कम से कम जिम्मेदारियां लें| काम को यथायोग्य बाँटें| बेफिजूल के सरदर्द मोल न लें| यारी दोस्ती में भी चूजी रहें|
आप व्यस्त हैं या अस्तव्यस्त? .
