Bhopal News: वक़्फ़ संपत्तियों की पारदर्शिता की ओर बड़ा कदम, वक़्फ़ ऑनलाइन होगा कमेटियों का लेन-देन


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स्टोरी हाइलाइट्स

Bhopal News: एमपी वक़्फ़ बोर्ड ने शुरू किया डिजिटल अभियान, 15,008 वक्फ कमेटियों के बैंक खाते अनिवार्य रूप से खोले जाएंगे, वक़्फ़ संपत्तियों की आय और व्यय का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा, नकद लेन-देन बंद होंगे, जिससे घोटालों पर रोक लगेगी..!!

Bhopal News: मध्य प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड में वर्षों से जड़ जमाए बैठे भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं को रोकने के लिए अब बोर्ड ने निर्णय लिया है। अब प्रदेश भर की 15,008 वक्फ समितियों के बैंक खाते अनिवार्य रूप से खोले जाएंगे। इससे न केवल वित्तीय लेन-देन पारदर्शी होगा, बल्कि वक़्फ़ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में भी इसे बड़ा और क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।

वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सांवर पटेल के सख्त निर्देश के बाद यह प्रक्रिया शुरू की गई है। वर्षों से शिकायतें उठ रही थीं कि वक़्फ़ संपत्तियों से होने वाली आय-व्यय का कोई पुख्ता रिकॉर्ड नहीं है, क्योंकि समितियों के पास बैंक खाते नहीं हैं और नकद लेन-देन से अनियमितताओं को बढ़ावा मिलता है।

सेंट्रल बैंक ने जारी किया विशेष सर्कुलर समितियों की इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए वक्फ बोर्ड की टीम ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के जोनल प्रमुखों और शीर्ष प्रबंधन से कई दौर की बातचीत की। इसका नतीजा यह हुआ कि बोर्ड के इतिहास में पहली बार सेंट्रल बैंक ने अपनी सभी शाखाओं को निर्देश जारी किए हैं कि वक्फ बोर्ड की वैधानिक समितियों के खाते बिना किसी बाधा के खोले जाएं।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सनवर ने इस पहल के बारे में कहा, "बोर्ड की पहली प्राथमिकता वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और उनकी आय का उचित उपयोग सुनिश्चित करना है। बैंक खाते अनिवार्य करने से न केवल वित्तीय पारदर्शिता आएगी बल्कि बोर्ड की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। डॉ. सांवर पटेल ने कहा कि अब राज्य भर की वक्फ समितियों को संबंधित पत्र के साथ केंद्रीय बैंक की नजदीकी शाखा में जाकर अपना बैंक खाता खोलने की सलाह दी गई है। इससे भविष्य में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी और बोर्ड का पूरा वित्तीय प्रबंधन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ जाएगा।

फैसले से क्या बदलेगा?

अनिवार्य रूप से खोले जाएंगे 15,008 वक्फ कमेटियों के बैंक खाते।

वक्फ संपत्तियों की आय और व्यय का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा।

नकद लेन-देन बंद होंगे, जिससे घोटालों पर रोक लगेगी।

कमेटियों की वित्तीय जवाबदेही तय होगी।

वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता की ओर बड़ा कदम।