अब नगर पालिका एवं नगर परिषद के अध्यक्ष तीन साल तक नहीं हटाये जा सकेंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

नगर पालिका एवं नगर परिषद के अध्यक्ष को तीन साल बाद हटाने के लिये संबंधित नगरीय निकाय के निर्वाचित पार्षदों की कुल संख्या के कम से कम तीन चौथाई पार्षदों द्वारा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने होंगे..!!

भोपाल: अब नगर पालिका एवं नगर परिषद के अध्यक्ष तीन साल के पहले नहीं हटाये जा सकेंगे। उन्हें तीन साल बाद हटाने के लिये संबंधित नगरीय निकाय के निर्वाचित पार्षदों की कुल संख्या के कम से कम तीन चौथाई पार्षदों द्वारा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने होंगे और इस प्रस्ताव को जिला कलेक्टर को प्रस्तुत करना होगा तथा कलेक्टर की स्वीकृति मिलने पर गुप्त मतदान कराया जायेगा जिसमें संबंधित नगरीय निकाय के मतदाताओं की कुल संख्या के पचास प्रतिशत सें अधिक वोट प्रस्ताव के पक्ष में मिलने पर अध्यक्ष को हटाया जायेगा। अध्यक्ष को हटाने की इस प्रक्रिया का उपयोग सिर्फ एक बार ही किया जा सकेगा।

राज्य सरकार ने यह प्रावधान मप्र नगर पालिका संशोधन अध्यादेश जारी कर के किया है। अध्यादेश में नगर पालिका एवं नगर परिषद में आगे से अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का उपबंध किया गया है। अध्यादेश में इन दोनों नगरीय निकायों में एक ही उम्मीदवार द्वारा अध्यक्ष एवं पार्षद का चुनाव एक साथ लडऩे का प्रावधान भी किया गया है तथा दोनों पदों पर चुनाव जीतने पर किसी एक पद से सात दिन के अंदर इस्तीफा देना होगा। इसी प्रकार, अब अध्यक्ष एवं पार्षद के चुनाव में उनके चुनाव एजेंटों पर किया गया व्यय, अध्यक्ष एवं पार्षदों के व्यय खाते में नहीं जुड़ेगा।