MP में वोट चोरी पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, दो महीने में बढ़े 16 लाख मतदाता..27 सीटों पर गड़बड़ी का दावा


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स्टोरी हाइलाइट्स

आंकड़े पेश करते हुए सिंघार ने दावा किया कि सिर्फ़ दो महीनों, 2 अगस्त से 4 अक्टूबर, 2023 तक 16.05 लाख मतदाता बढ़े, यानी हर दिन लगभग 26,000 नए नाम सूची में जुड़े, इसकी तुलना में उन्होंने बताया कि जनवरी से अगस्त 7 महीने तक सिर्फ़ 4.64 लाख मतदाता बढ़े, मतदाताओं में यह अचानक वृद्धि अपने आप में चुनावी अनियमितताओं का प्रमाण है..!!

 

 

मध्य प्रदेश में चुनावों की पारदर्शिता को लेकर सियासत गरमा गई है। नेता विपक्ष उमंग सिंघार ने 19 अगस्त को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग और सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ हुई हैं और यह सब भाजपा को फायदा पहुँचाने के लिए किया गया है।

आंकड़े पेश करते हुए सिंघार ने दावा किया कि सिर्फ़ दो महीनों (2 अगस्त से 4 अक्टूबर, 2023) में 16.05 लाख मतदाता बढ़े। यानी हर दिन लगभग 26,000 नए नाम सूची में जुड़े। इसकी तुलना में उन्होंने बताया कि जनवरी से अगस्त (7 महीने) तक सिर्फ़ 4.64 लाख मतदाता बढ़े। मतदाताओं में यह अचानक वृद्धि अपने आप में चुनावी अनियमितताओं का प्रमाण है।

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सिंघार ने 27 विधानसभा क्षेत्रों की सूची जारी की। उनका कहना है कि इन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार बहुत कम अंतर से हारे, लेकिन उन्हीं क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में असामान्य रूप से वृद्धि हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित वोट चोरी थी, जिसका फ़ायदा चुनावों में भाजपा को मिला।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में उमंग सिंघार ने यह भी खुलासा किया कि 9 जून, 2023 को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सभी राज्यों को जनवरी से जून तक मतदाता सूची में संशोधन प्रकाशित न करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि यह पारदर्शिता के ख़िलाफ़ एक कदम है और अनियमितताओं को छिपाने के लिए ऐसा किया गया है।

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सिंघार ने कहा कि 2 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने 8.51 लाख डुप्लीकेट और फ़र्ज़ी प्रविष्टियाँ हटाने का आदेश दिया था। लेकिन किसी भी ज़िले ने अपनी रिपोर्ट जारी नहीं की। आरटीआई के ज़रिए भी जानकारी देने से इनकार कर दिया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही चुनाव में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया गया, मध्य प्रदेश सीईओ की आधिकारिक वेबसाइट अचानक "अंडर मेंटेनेंस" दिखाने लगी। 

इससे सवाल उठता है कि क्या यह कोई तकनीकी समस्या है या पारदर्शिता से बचने की कोशिश?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंघार ने चुनाव आयोग से कई अहम माँगें कीं:

1. अंतिम सूची पर रोक लगाई जाए - सभी दलों के हस्ताक्षर अंतिम मतदाता सूची पर हों और चुनाव तक उसमें कोई बदलाव न किया जाए।

2. मशीन-पठनीय डेटा उपलब्ध कराया जाए - सूची को पीडीएफ या इमेज के बजाय सीएसवी/एक्सेल फ़ाइल में प्रकाशित किया जाए ताकि स्वतंत्र सत्यापन संभव हो सके।

3. प्रत्येक प्रविष्टि के साथ फोटो प्रकाशित की जाए- इससे मृत या डुप्लिकेट मतदाताओं की पहचान करना आसान हो जाएगा।

4. संशोधन लॉग प्रकाशित किया जाए - फॉर्म 9, 10, 11 में सभी बदलावों का पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध कराया जाए।

उमंग सिंघार ने कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में वोटों की हेराफेरी की राष्ट्रीय साजिश का पर्दाफाश किया है और मध्य प्रदेश इसका बड़ा शिकार बना है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बताया और कहा कि कांग्रेस पारदर्शिता बहाल होने तक इस मुद्दे को उठाती रहेगी।