जबलपुर और सिवनी पुलिस की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। सिवनी जिले में 8-9 अक्टूबर की रात हुई हवाला लूट कांड में एक बड़ा खुलासा हुआ है। SIT ने दो पुलिस अधिकारियों DSP पंकज मिश्रा, हेड कांस्टेबल प्रमोद सोनी को गिरफ्तार किया है। हवाला कारोबारी पंजू गोस्वामी और वीरेंद्र दीक्षित भी घर लिए गए। पता चला है कि हवाला कारोबारी पंजू गोस्वामी ने जबलपुर क्राइम ब्रांच में तैनात हेड कांस्टेबल प्रमोद सोनी को करीब ₹3 करोड़ के हवाला लेनदेन की जानकारी दी थी।
कांस्टेबल प्रमोद ने यह जानकारी बालाघाट में तैनात DSP पंकज मिश्रा को दी, जिन्होंने CSP पूजा पांडे को इसकी जानकारी दी। पूजा पांडे के रिश्तेदार वीरेंद्र दीक्षित भी इस साजिश में शामिल पाए गए। एसआईटी के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने एक सुनियोजित डकैती की योजना बनाई थी, जिसमें हवाला के पैसों को बाँटने की भी साजिश थी।
गौरतलब है कि इस मामले में सीएसपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों से ₹1.45 करोड़ और हवाला कारोबारियों से ₹1.25 करोड़ जब्त किए गए हैं। जबलपुर के आईजी प्रमोद वर्मा ने कहा, "एसआईटी की जाँच में यह बात सामने आई है कि यह घटना अंदरूनी जानकारी के दुरुपयोग से हुई है। सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। जाँच जारी है और और भी खुलासे हो सकते हैं। गिरफ्तार किए गए सभी चार लोगों को दो दिन की पुलिस रिमांड पर रखा गया है।"
जबलपुर क्राइम ब्रांच की एक टीम पहले प्रमोद सोनी और पंजू गोस्वामी को गिरफ्तार करके सिवनी ले गई। बाद में, सिवनी पुलिस की एक टीम ने देर रात बालाघाट के कंसगी में तैनात हॉक फोर्स के डीएसपी पंकज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से अब दो दिन की रिमांड पर पूछताछ की जा रही है।
आपको बता दें, कि अक्टूबर की शुरुआत में, मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले में हवाला के पैसों की चोरी का एक मामला सामने आया, जिसने राज्य पुलिस व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए।
8 अक्टूबर की रात एक कार कटनी से महाराष्ट्र के जालना जा रही थी। पता चला कि उसमें लगभग ₹2.96 करोड़ नकद थे, जो हवाला कारोबार से जुड़े थे। लखनवाड़ा थाना क्षेत्र में पुलिस ने कार को रोका। टीम का नेतृत्व एसडीओपी पूजा पांडे कर रही थीं। वाहन को थाने लाया गया और चालक को रात भर हिरासत में रखा गया। हालाँकि, जब अगले दिन एफआईआर दर्ज की गई, तो जब्त की गई नकदी की राशि केवल ₹1.45 करोड़ दर्ज की गई, जो लगभग ₹1.5 करोड़ का अंतर था, जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं था।
पुराण डेस्क