बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार को "सुशासन बाबू" के रूप में जाना जाता है। वे सिर्फ़ मुख्यमंत्री पद तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने बिहार की राजनीतिक और सामाजिक संरचना को भी प्रभावित किया है। यही वजह है कि वे कई दशकों से राजनीति में केंद्र बिंदु रहे हैं।
नीतीश कुमार बिहार की राजनीति अपने रणनीतिक कौशल से सत्ता के गलियारों में अपनी पहचान बनाई है। इस लेख में हम नीतीश कुमार के जीवन के बारे में जानेंगे। नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च, 1951 को बिहार के पटना ज़िले के बख्तियारपुर में हुआ था। उनके पिता, कविराज राम लखन सिंह, एक स्वतंत्रता सेनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। उनकी माता का नाम परमेश्वरी देवी है। बचपन में नीतीश कुमार को मुन्ना के नाम से जाना जाता था।
नीतीश कुमार ने 22 फ़रवरी, 1973 को मंजू कुमारी सिन्हा से विवाह किया। उनका एक पुत्र, निशांत कुमार है। नीतीश कुमार ने अपनी प्राथमिक शिक्षा बख्तियारपुर के गणेश हाई स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1972 में पटना के बिहार कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के बाद, उन्होंने राज्य विद्युत बोर्ड में नौकरी की, लेकिन वहाँ उनका मन नहीं लगा।
नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कर्पूरी ठाकुर, जेपी नारायण और राम मनोहर लोहिया जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों के साथ की। 1970 में, वे जेपी नारायण के नेतृत्व वाले छात्र आंदोलन से उभरे।
1980 के दशक तक, नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में अपनी जगह बना चुके थे। 1985 में उन्होंने हरनोट विधानसभा सीट जीती और विधानसभा के सदस्य बने। 1987 में, वे युवा लोक दल के अध्यक्ष बने और 1989 में, वे जनता दल (जद) के महासचिव चुने गए। राज्य की राजनीति छोड़कर, नीतीश कुमार ने केंद्रीय राजनीति में भी कदम रखा। 1989 में, वे पहली बार लोकसभा सांसद बने। इसके बाद वे 1991, 1996 और 1998 में भी चुने गए।
नीतीश कुमार ने केंद्रीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने पहली बार 1990 में कृषि राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वे 1998-99 में केंद्रीय रेल मंत्री भी बने। वाजपेयी सरकार में, उन्होंने रेलवे से लेकर सड़क परिवहन और कृषि तक, कई विभागों को संभाला।
मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
- नीतीश कुमार मार्च 2000 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। हालाँकि, बहुमत न होने के कारण उनका यह कार्यकाल केवल सात दिनों का रहा। परिणामस्वरूप, उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
- नीतीश कुमार 2005 के विधानसभा चुनाव में विजयी हुए और दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 2010 तक सेवा की। यही वह दौर था जब उन्होंने बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी जैसे नेताओं के शासन का अंत किया। नीतीश ने 2010 में अपना तीसरा कार्यकाल शुरू किया। उन्होंने 2015 में अपना चौथा, 2015 में अपना पाँचवाँ और 2017 में अपना छठा कार्यकाल पूरा किया। जब कोविड ने भारत में दस्तक दी, तो उन्होंने 2020 में अपना सातवाँ कार्यकाल शुरू किया और 2022 में अपना आठवाँ कार्यकाल भी शुरू किया।
नीतीश कुमार ने 1994 में जॉर्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई। हालाँकि, 2003 में समता पार्टी का जनता दल में विलय हो गया और इसका नाम बदलकर जनता दल (यूनाइटेड) कर दिया गया। नीतीश कुमार जेडीयू के एक प्रमुख नेता के रूप में जाने जाते हैं।
पुराण डेस्क