जिला कांग्रेस कमेटी भोपाल ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर हुए जानलेवा हमले का कड़ा विरोध किया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना के नेतृत्व में कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा पर विरोध सभा आयोजित की गई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए नारे लगाए और हमले के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
प्रदर्शन के दौरान, कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और बीजेपी सरकार को चेतावनी दी, कि इस तरह के कायराना हमले जीतू पटवारी का मनोबल नहीं तोड़ पाएँगे और न ही कांग्रेस के संघर्ष को रोक पाएँगे। नेताओं ने कहा कि ड्रग माफिया और वोट चोरी के खिलाफ लड़ाई अब और भी आक्रामक तरीके से लड़ी जाएगी।
प्रदर्शन में पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जे.पी. धनोपिया, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष सबिस्ता ज़की, महिला ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष संतोष कंसाना, पार्षद गुड्डू चौहान, आसिफ ज़की, अशोक मारन, जीत राजपूत, दानिश शब्बीर, प्रदेश प्रवक्ता अभिनव बरोलिया और युवा कांग्रेस के कार्यकारी ज़िला अध्यक्ष अभिषेक शर्मा समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
दरअसल रविवार, 31 अगस्त को मध्य प्रदेश के रतलाम ज़िले के मांगरोल में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के काफिले पर अचानक पथराव हुआ। इस हमले में पटवारी की गाड़ी का शीशा टूट गया और मौके पर भगदड़ मच गई। गनीमत रही कि पटवारी बाल-बाल बच गए।
सूत्रों के अनुसार, यह हमला धाकड़ समाज के कुछ लोगों ने किया, जो पटवारी के कथित विवादित बयान से नाराज़ थे। हालाँकि, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हमले के पीछे भाजपा का हाथ है और यह घटना भाजपा मंडल अध्यक्ष की मिलीभगत से हुई।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पटवारी 'वोट चोर गड्डी छोड़' आंदोलन में शामिल होने रतलाम जा रहे थे। इसी दौरान मांगरोल में उनके काफिले पर पथराव किया गया। कांग्रेस ने इसे भाजपा की शह पर सुनियोजित साजिश करार दिया है। साथ ही, पटवारी ने यह भी आरोप लगाया कि जब से वह राज्य में बढ़ते नशे और अपराधों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, भाजपा उन पर हमला करवा रही है।
रतलाम हमले के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया है।