डेढ़ करोड़ के जंगल कट जाने की खबर पर सीएफ से मांगा तीन दिन में स्पष्टीकरण


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स्टोरी हाइलाइट्स

शिकायतकर्ता की मांग रखी नंदा करें जांच..!!

भोपाल: नर्मदापुरम वन मंडल के इटारसी रेंज के पांडरी वन क्षेत्र के अंतर्गत RF 112 में 356 वृक्ष की अवैध कटाई की खबर पर पीसीसीएफ विभाष ठाकुर ने सीएफ नर्मदापुरम अशोक कुमार से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है कि 27 नवंबर 24, 28 नवम्बर 24, 29 नवंबर 24 और 30 नवंबर 24 को दर्ज वन अपराध प्रकरणों की छायाप्रति उपलब्ध करावें साथ ही स्पष्ट करें कि प्रत्येक वन अपराध प्रकरण में कितनी हानि पायी गयी। 

"इटारसी रेंज के पांडरी वन क्षेत्र में सागौन के 356 वृक्षों की अवैध कटाई दौरे पर गये डी.एफ.ओ. को तेंदुए-बाघ के पंजे तो दिखे, लेकिन जंगल विनाश के ठूंठ नहीं" शीर्षक से प्रकाशित खबर को पीसीसीएफ संक्षरण विभाष ठाकुर ने गंभीरता से लिया और भी बिना देर किए सीएफ को नोटिस भेज दिया। 

दिलचस्प पहलू यह है कि जब इटारसी के पांडरी वन क्षेत्र में सागौन के जंगल कट रहे थे तब संरक्षण शाखा के मुखिया पीसीसीएफ कैम्पा मनोज अग्रवाल थे। इस मसले में अग्रवाल की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। 

राखी नंदा से कराएं जांच..

शिकायतकर्ता सेवानिवृत एसडीओ मधुकर चतुर्वेदी ने पीसीसीएफ संरक्षण  विभाष ठाकुर को पत्र लिखकर कहा है कि इटारसी रेंज की बीट छिपीखापा के कक्ष क्रमांक RF 112 में हुई अवैध सागौन कटाई की जांच सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की डायरेक्टर राखी नंदा से कराएं। चतुर्वेदी का कहना है कि नर्मदा पुरम वृत के उड़नदस्ता दल द्वारा वर्ष नवंबर 2024 में जांच रिपोर्ट DFO नर्मदापुरम को प्रस्तुत कर दिए जाने के बाद जारी एक POR के 4 टुकड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने बनवाए जाकर प्रकरण की गंभीरता को बदल दिया गया था। 

विभाग को की गई शिकायत तथा आपके गंभीर रुख को देखते हुए DFO मयंक गुर्जर ने SDO बानापुरा के नेतृत्व में उड़नदस्ता दल द्वारा की गई जांच पर पुनः जांच कराई जाएगी। जिसमें वे अपने बचाव का रास्ता निकाल सकें। अतः इसकी जांच अन्य वन मंडल के दल से या भोपाल के संरक्षण राज्य स्तरीय दल द्वारा या सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा IFS जो वरिष्ठ अधिकारी है से करवाने का अनुरोध है। 

शिकायतकर्ता की मांग है कि मयंक गुर्जर वन मंडल अधिकारी नर्मदापुरम (सामान्य) को अन्यत्र पदस्थ किया जाना न्याय की दृष्टि से युक्ति युक्त होगा, ताकि जैसा कि उन्होंने एक POR में हेरा-फेरी करवाई है, दुबारा न कर सकें ।