भोपाल: पाक्सो एक्ट यानि यौन अपराधों के मामलों की विवेचना कर रही महिला उपनिरीक्षकों की ड्यूटी रात्रि गश्त एवं अन्य ड्यूटी में नहीं लगाई जायेगी। इसके निर्देश पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस के प्रमुखों को जारी किये हैं।
इसके अलावा, अब जिला न्यायालय के पाक्सो एक्ट में निर्णित मामलों जिसमें विवेचना में किसी स्तर पर कमी के कारण दोषमुक्ति हुई है, की प्रति अब थाने पर ही डाउनलोड कर संबंधित विवेचक को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जायेगी तथा थाना प्रभारी विवेचक के फीडबैक के आधार पर अपनी टीप के साथ एक रिपोर्ट 15 दिन के अंदर एसडीओपी को भेजेंगे तथा एसडीओपी भी इस संबंध में अपनी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को 15 दिन के अंदर भेजेंगे।
पुलिस अधीक्षक कमियों को देखने के बाद विवेचकों के कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण देंगे। पुलिस मुख्यालय आकस्मिक तौर पर किसी जिले से पाक्सो एक्ट के मामले की नस्ती बुलाकर देखेगा कि सभी प्रक्रियाओं का पालन हुआ है या नहीं।
इसके अलावा, स्थानीय पुलिस दो फार्म भरकर संबंधित जनों को देगी जिसमें पहला फार्म यौन शोषण के पीडि़त एवं उसके अभिभावकों को मिलने वाले अधिकार के बारे में बताने के संबंध में होगा जबकि दूसरा फार्म पीडि़ता के आर्थिक, मानसिंक, सामाजिक, शैक्षणिक, बौध्दिक स्थिति के संबंध में एफआईआर दर्ज होने के 24 घण्टों के भीतर बाल कल्याण समिति को भेजने के संबंध में होगा।