Naxalism Free MP: MP में 40 साल बाद 'लाल आतंक' खत्म, आखिरी दो नक्सलियों ने किया सरेंडर, 41 जवानों ने दी है शहादत


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स्टोरी हाइलाइट्स

MP Naxalism Free: मध्य प्रदेश अब पूरी तरह से नक्सलवाद मुक्त हो गया है, आखिरी दो नक्सलियों ने बालाघाट में सरेंडर किया, नक्सलवाद को खत्म करने के लिए एमपी में 41 जवानों ने शहादत दी है, इसके लिए सीएम मोहन यादव ने जवानों के साहस को सलाम किया..!!

आखिरकार मध्य प्रदेश में लाल आतंक पूरी तरह से खत्म हो गया है। आखिरी दो बचे हुए नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। इन दोनों के ऊपर 43 लाख रुपए का इनाम था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में दीपक और रोहित है। इनके सरेंडर करने के कुछ देर बाद सीएम मोहन यादव ने दावा किया कि अब एमपी पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त हो गया है। कुछ दिन पहले भी सीएम के सामने भी खूंखार नक्सलियों ने हथियार डाले थे। सीएम ने कहा कि केंद्र 2026 तक देश से नक्सलवाद की समाप्ति की घोषणा की है।

दरअसल, गुरुवार को बिरसा थाना क्षेत्र के कोरका में सीआरपीएफ शिविर में आकर दो कुख्यात नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें दीपक और रोहित है। दीपक पर 29 लाख और रोहित पर 14 लाख रुपए का इनाम घोषित था। दोनों सुरक्षाबलों के सामने अपने हथियार डाले और मुख्यधारा से जुड़ने की इच्छा जाहिर की।

वहीं, बालाघाट एसपी आदित्य मिश्रा ने इन दोनों के सरेंडर करने के बाद कहा कि यहां अब कोई कुख्यात नक्सली नहीं बचा है। दीपक जिले के पालागोंड़ी का रहने वाला है। साथ ही लंबे समय से नक्सल गतिविधियों में सक्रिय था। एजेंसियां लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी। यह एक बड़ी सफलता है।

उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई की वजह से नक्सलियों पर लगातार बड़ा दबाव बन रहा था। इसी वजह से इनका सरेंडर संभव हुआ है। इन दोनों के सरेंडर से नक्सल नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

इसके साथ ही सीएम मोहन यादव बालाघाट के कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े थे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की धरती से पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के अदम्य साहस और बलिदान को बालाघाट से 11 दिसंबर को लाल सलाम को आखिरी सलाम है। आज का दिन एमपी के स्वर्णिम इतिहास में लिखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि बीते 42 दिनों में एमपी, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जोन में ऐतिहासिक रूप से 42 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन पर 7.75 करोड़ रुपए का इनाम था। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कुशल निर्देशन में नक्सलियों के खिलाफ अद्भुत अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र ने 26 जनवरी 2026 तक नक्सलवाद की समाप्ति का लक्ष्य रखा है।

इसके साथ ही हथियार उठाने वाले नक्सलियों के लिए सीएम ने कहा कि उनके सामने दो ही विकल्प हैं, एक नए जीवन का अवसर और दूसरा जीवन की समाप्ति।

गौरतलब है कि बालाघाट में 90 के दशक से नक्सलियों की सक्रियता थी। आए दिन पुलिस के साथ एनकाउंटर की खबरें आती थीं। इनक प्रभुत्व मंडला और डिंडौरी में भी था। ये दोनों जिले पहले ही नक्सवाद से मुक्त हो गए थे। बालाघाट में नक्सलियों ने सबसे पहले 1991 में ब्लास्ट किया था। इस दौरान नौ जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से उनकी गतिविधियां जारी ही रही हैं। इतने सालों में कुल 41 जवानों ने शहादत दी है।